
शिमला: कुदरत का ऐसा क़हर हिमाचल प्रदेश ने अब तक शायद नहीं देखा होगा। इस क़हर का आलम ऐसा है कि यहां हर रोज आपदा में अपनी जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। गुरुवार को जारी हुए ताजा आंकड़ों के मुताबिक 3 और लाशों के मिलने के बाद ये संख्या 330 हो गई है। वहीं भूस्खलन की घटनाएं भी लगातार बढ़ती जा रही हैं और इससे संपत्ति का नुकसान तो हो ही रहा है, इससे जानें भी जा रही हैं। आलम ऐसा है कि पेट काट कर पाई – पाई जोड़कर बनाया गया आशियाना लोगों के सामने ही ताश के पत्ते की तरह भरभरा कर जमींदोज हो रहे हैं।

लगातार बढ़ रही हैं भूस्खलन की घटनाएं
सूबे में भूस्खलन की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक अब तक कम से कम 1957 घर जमींदोज हो चुके हैं और करीब 9344 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। 293 दुकानें और 4072 गौशालाएं बाढ़ के पानी की भेंट चढ़ गए हैं। पिछले 2 महीने से यहां लगातार बारिश हो रही है और कुदतर अपना तांडव कर रहा है। भुस्खलन की करीब करीब 113 घटनाएं घट चुकी हैं। वहीं हिमाचल प्रदेश के 5 जिलों में 58 बार बादल फटने की घटनाएं भी हो चुकी हैं, जिसकी वजह से इन पांचों जिलों में जान-माल का ज्यादा नुकसान हुआ है।

चल-अचल संपत्ति का हुआ है भारी नुकसान
हिमाचल प्रदेश में आई इस प्राकृतिक आपदा में अब तक चल-अचल संपत्ति मिलाकर अबतक 7659 करोड़ का नुकसान हो चुका है। जल शक्ति विभाग को 1842 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग को 2656 करोड़ रुपए, तो वहीं बिजली बोर्ड को 1505 करोड़, बागवानी विभाग को 144 करोड़, कृषि विभाग को 256 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़ और शिक्षा विभाग को 118 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।

क्या कह रहा है मौसम विभाग?
मौसम विभाग ने शुक्रवार को मानसून सामान्य रहने का पूर्वानुमान जारी किया है। इस बीच कहीं के लिए भी भारी बारिश की चेतावनी जारी नहीं की गई है। बात बीते 24 घंटे की करें तो, मंडी में 60, डलहौजी में 23 और नगरोटा में 24 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने 19 से 25 अगस्त तक भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।