
नागपुर: लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत ना मिल पाने को लेकर संघ नेता इंद्रेश कुमार ने क्या अपनी प्रतिक्रिया दे दी कि अब उनके बयान को लेकर जुबानी जंग शुरु हो गई है तो वहीं विपक्ष इस पर चुटकी लेना शुरु कर दिया है। इसको लेकर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और शिवसेना नेता संजय राउत ने निशाना साधा है। वहीं उनके इस बयान के बाद बीजेपी के अंदर खाने भी बवाल शुरु हो गया है।
क्या कहा था इंद्रेश कुमार ने?
दरअसल लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत ना मिलने पर उन्होंने बीजेपी पर कटाक्ष किया था। बीजेपी के परिणाम को उन्होंने अहंकार का नतीजा बताया था। उन्होंने कहा था – जो लोग राम की पूजा करते थे। उनको बड़ा गुरुर आ गया था। इसलिए भगवान राम ने उन्हें दंड दिया है। उनको बहुमत नहीं मिला है। हालांकि बड़ी आलोचना के बाद उन्होंने अपने इस बयान से यू-टर्न ले लिया है। लेकिन विपक्ष को बैठे बिठाए बीजेपी को घेरने का एक बड़ा मुद्दा मिल गया है।
क्या है विपक्ष की प्रतिक्रिया?
इंद्रेश कुमार के इस बयान से विपक्ष को बीजेपी को घेरने के मौका मिल गया। इसमें सबसे पहले कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि पिछले 10 साल से आरएसएस खुद सत्ता के मजे लूट रहा था औऱ अब चुनाव के नतीजों से झटका लगा तो उन्हें अहंकार की याद आ गई। वही शिवसेना नेता संजय राउत ने इसे और हवा देते हुए कहा कि पिछले 10 साल से बीजेपी सत्ता का गलत इस्तेमाल करती आ रही है। बदले की राजनीति करते आ रही है। संघ को तो तब बोलना चाहिए था। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर अब संघ को बीजेपी की गलतियां समझ में आ गई ह तो वो नरेन्द्र मोदी को सत्ता से हटाए।
इंद्रेश कुमार ने लिया यू-टर्न
अपने बयान पर चौतरफ घिरता देख इंद्रेश कुमार ने अपने बयान से किनारा कर लिया है। उन्हें अपने इस बयान से यू-टर्न लेना पड़ गया। अब इंद्रेश कुमार ने कहा है कि उनके कहने का बस इतना ही मतलब था कि देश में रामभक्तों की सरकार बनी है। राम विरोधी आज भी सत्ता से बाहर हैं।