
नई दिल्ली: 22 जनवरी को अयोध्या स्थित राम लला के भव्य मंदिर का उद्घाटन किया गया। जिसमें 7 हजार से ज्यादा साधु-संतों और गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया। 23 जनवरी से मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। मंदिर के उद्घाटन के बाद से अब तक 35 लाख से ज्यादा लोगों ने मंदिर जाकर राम लला के दर्शन किए। इस मंदिर में स्थापित राम लला के जिस मूर्ति का दर्शन श्रद्धालु करते हैं, वो मूर्ति लोगों के रोम राम में बस जाता है।
हर कोई राम लला के इस विग्रह को देख कर मन मोहित हो जाता है। इस मूर्ति को कर्नाटक के जाने माने मूर्तिकार अरुण योगी राज ने बनाई है। एक तरफ जहां मूर्ति मनमोहक है वही राम लला के इस विग्रह की आंख सबको भा रही है। इसे देख कर तो ऐसा लगता है मानों वो राम लला की मूर्ति नहीं बल्कि स्वंय राम लला ही विराजमान हैं। दरअसल उनकी आंख को बहुत ही खास अंदाज में बनाया गया है। इसके लिए मूर्तिकार योगी राज ने चांदी के हथौड़े और सोने की छैनी का इस्तेमाल किया है। इस बात की जानकारी खुद योगी राज ने दी है।
दरअसल योगी राज ने अपने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर उस चांदी के हथौड़े और सोने की छैनी की तस्वीरें जारी की है और इस बात की जानकारी दी है। इसमें उन्होंने राम लला के आंखों को बनाने का राज उजागर किया है। उन्होंने लिखा है – इस चांदी के हथौड़े को उस सोने की छेनी के साथ साझा करने के बारे में सोचा, जिसका उपयोग करके मैंने राम लला, अयोध्या की दिव्य आंखें (नेट्रोनमिलाना) बनाई थीं।
आपको बता दें कि राम लला की इस मूर्ति को एक ही पत्थर को तराश कर बनाया गया है। इसमें अलग से किसी भी पत्थर को जोड़ा नहीं गया है। इस मूर्ति में मुकुट की तरफ सूर्य भगवान, शंख, स्वास्तिक, चक्र और गदा बनाई गई है। वहीं बाएं हाथ में धनुष-बाण लगाया गया है। इस मूर्ति का वजन करीब 200 किलो है और उंचाई 4.24 फीट है तो चौड़ाई 3 फीट है। इस मूर्ति में 5 वर्ष की अवस्था वाले राम लला की छवि को उकेड़ी गई है।