
Donald Trump, President, USA
Iran-Israel war: ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि अमेरिका अगले दो हफ्तों में निर्णय लेगा कि युद्ध में शामिल होना है या नहीं। जानें इस टकराव में अमेरिका, रूस और इज़राइल की भूमिका।
वॉशिंगटन/तेल अवीव/तेहरान: ईरान और इज़राइल के बीच जारी सैन्य टकराव ने अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ा दी है। इस बीच अमेरिका की ओर से एक बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले दो हफ्तों में यह निर्णय लेंगे कि अमेरिका इस संघर्ष में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होगा या नहीं। व्हाइट हाउस ने गुरुवार को आधिकारिक रूप से यह जानकारी दी। ट्रंप प्रशासन के इस बयान ने मध्य-पूर्व में चल रही अस्थिरता के बीच वैश्विक राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है।
आपको बता दें कि अमेरिका पहले ही ईरान को चेतावनी दे चुका है कि वह क्षेत्रीय शांति भंग करने वाली किसी भी कार्रवाई को सहन नहीं करेगा। उधर, इज़राइल और ईरान के बीच हमलों का सिलसिला जारी है। ईरानी सेना ने टेलीग्राम पर पुष्टि की है कि उसने हाइफ़ा और तेल अवीव के सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन से एक और संयुक्त हमला शुरू किया है। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने बताया कि उनके हमलों का लक्ष्य सैन्य और सैन्य-औद्योगिक संरचनाएं हैं।
इज़राइल की ओर से प्रतिक्रिया में बताया गया है कि ईरान ने एक ऐसी मिसाइल का इस्तेमाल किया है जिसमें कई वारहेड लगे थे। इससे बड़े क्षेत्र में खतरा उत्पन्न हो गया। इज़राइली डिफेंस फोर्स (IDF) के अनुसार, ईरान ने अब तक 450 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और 1,000 से अधिक ड्रोन दागे हैं। जवाबी कार्रवाई में इज़राइल ने ईरान के करीब दो-तिहाई मिसाइल लॉन्चर नष्ट कर दिए हैं। इस बीच एक और घटना ने सबका ध्यान खींचा है। गुरुवार को तेल अवीव में नॉर्वे के राजदूत के आवास पर ग्रेनेड फेंका गया।
इज़राइली विदेश मंत्री गिदोन सार ने इस हमले की कड़ी निंदा की और भरोसा जताया कि अपराधियों को शीघ्र पकड़ लिया जाएगा। इस युद्ध को लेकर रूस ने भी प्रतिक्रिया दी है। रूस ने इज़राइल को ईरान के बुशहर परमाणु संयंत्र पर हमला न करने की कड़ी चेतावनी दी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय फिलहाल स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है। गौरतलब है कि यदि अमेरिका ईरान पर सीधा हमला करता है, तो यह संघर्ष व्यापक क्षेत्रीय युद्ध में बदल सकता है, जिसका असर वैश्विक स्तर पर महसूस किया जाएगा।