
नई दिल्ली: लोकसभा में पास होने के बाद अब सर्व सम्मति के साथ राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल पास हो गया है। लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी कई घंटे चर्चा के बाद वोटिंग हुई और पूरे सदन ने इसे पास कर दिया। जिस वक्त सदन में वोटिंग हो रही थी तो उस वक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सदन में मौजूद थे। लेकिन उन्होंने वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया, क्योंकि वो राज्यसभा के सदस्य नहीं हैं। वोटिंग के बाद जो नतीजे आए वो आश्चर्यजनक थे। हैरान करने वाली बात तो ये थी कि लोकसभा में तो दो वोट इस बिल के विरोध में पड़े, जबकि राज्यसभा में एक भी वोट विरोध में नहीं पड़े। सभी 215 वोट बिल के पक्ष में पड़े।
इससे पहले वुधवार को लोकसभा में भी सर्वसम्मति से इस बिल को पास कर दिया गया था। हालांकि लोकसभा में बिल के विरोध में दो वोट पड़े थे। इस बिल के लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की 140 करोड़ जनता को बधाई दी है। हालांकि आपको ये बता दें कि ये बिल 2026 के बाद लागू होगा। जिसका सबसे बड़ा कारण है जनगणना और इसके बाद आबादी को देखते हुए लोकसभा और विधानसभा सीटों की संख्या में बढ़ोतरी। हालांकि सभी विपक्षी पार्टियां इसे जल्द से जल्द लागू करने की बात कह रही है।
हालांकि राज्यसभा के अंदर सरकार पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने तंज भी कसा है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस बिल को लेकर बीजेपी की नियत साफ नहीं हैं। अगर नियत महिला सशक्तिकरण की थी तो इसे तुरंत लागू कर देना चाहिए। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जब 1979 और 2010 में इस बिल को सदन में पेश किया गया था तो बीजेपी ने इसका विरोध किया था।