
नई दिल्ली: हमारे देश को “भारत”, “इंडिया”, “ हिन्दूस्तान”…इन तीनों नाम से जाना जाता है और बुलाया जाता है। लेकिन G20 के आमंत्रण पत्र में इंडिया की जगह भारत लिखा हुआ है। इसमें हमेशा की तरह President of India नहीं बल्कि President of Bharat लिखा गया है। को क्या देश के नाम में से इंडिया को हटा दिया जाएगा। अब इसपर एक बहस शुरु हो गई है। कहा तो ये भी अब जाने लगा है कि मोदी सरकार ने 18 सिंतबर से 22 सितंबर के लिए जो संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है, इसमें ही ऐसा किया जाएगा। दरअसल 5 दिन के इस सत्र में प्रश्न काल नहीं होगा और ना ही प्राइवेट मेंबर बिल भी लाया जा सकेगा।
क्या भारत नाम पर होगी चर्चा?
हालांकि कहा ये जा रहा था कि विशेष सत्र बुलाने के पीछे सरकार की मंशा है कि “वन नेशन, वन इलेक्शन” बिल पेश करना। लेकिन मोदी सरकार ने अब इस कयास के उपर से भी पर्दा उठा दिया है और इसको लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली 8 सदस्ययी कमेटी बना दी है। तो इससे ये अब साफ हो गया है कि ये बिल इस विशेष सत्र में पेश नहीं किया जा सकेगा। क्योंकि कमेटी की रिपोर्ट आने में अभी काफी वक्त लग सकता है और रिपोर्ट आने के बाद ही मोदी सरकार इस बिल को लेकर किसी नतीजे पर पहुंचेगी। लेकिन अब चर्चा शुरु हो गई है क् देश का नाम इंडिया से हटा कर सिर्फ भारत रखे जाने की योजना है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तो अपने स्टेटमेंट से इन अटकलों को और ज्यादा हवा दे दी है और कहा है कि ऐसा सच में हो सकता है।
G 20 के आमंत्रण पत्र में India की जगह है भारत
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट एक्स (ट्वीटर) पर पोस्ट लिखा है – “तो ये खबर वस्तुत: सच है। 9 सितंबर को G20 के डिनर के लिए राष्ट्रपति भवन की तरफ से जो निमंत्रण पत्र भेजे गए हैं, उसमें हमेशा की तरह President of India नहीं बल्कि President of Bharat लिखा गया है। अब संविधान के अनुच्छेद 1 को बदल कर ऐसे किया जा सकता है।” साथ ही उन्होंने ये भी लिखा है – “ भारत, जो इंडिया था, राज्यों का एक संघ है। लेकिन, अब तो राज्. के इस संघ पर भी प्रहार हो रहा है। नरेन्द्र मोदी इंडिया, जो भारत है, राज्यों का संघ है, उसके इतिहास को तोड़-मरोड़ सकते हैं और इसे विभाजित कर सकते हैं। लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे। ”
कुछ दिनों पहले उठा था मामला
28 जुलाई को ये मामला संसद में गूंजा भी था। बीजेपी से राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने इसको लेकर आवाज उठाई थी। उन्होंने मांग की थी कि देश के नाम में से इंडिया हटा देना चाहिए। क्योंकि भारत को ये नाम अंग्रेजों के द्वारा दिया गया था। उन्होंने कहा था कि अभी जब देश में आजादी का अमृत काल चल रहा है तो संविधान के अनुच्छेद – 1 में संशोधित कर इस पुण्य पावन धारा का नाम केवल भारत रखा जाना चाहिए। इंडिया नाम को हटा दिया जाय। वहीं स्वतंत्रता दिवस के मौक पर लाल किला के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद भी कहा था कि देश को दासता के चिन्हों से मुक्ति दिलाए जाने की आवश्यकता है।