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जीवन परिचय: कौन हैं आध्यात्मिक गुरु प्रोफेसर पुष्पेंद्र कुमार आर्य?
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भारतीय संस्कृति के मूलाधार अध्यात्म से अभिप्रेरित हैं। यहाँ जब भी जो भी बड़ा कर सका है अथवा बड़ा बन सका है। सदैव ही उसके अंकुर धर्म की भूमि में उगते हैं। किसी भी अज्ञात शक्ति को जब भी कुछ ज्ञात मनुजों के समग्र कल्याण के लिए कुछ सार्थक करना होता है तो वह किसी आत्मा का चयन करती है। अध्यात्म के महासागर में एक ऐसे ही गुरु उदित हुए हैं जिनकी सुरभि से धर्म का जगत नईं देशनाओं से ओतप्रोत हो रहा है।

प्रोफ़ेसर पुष्पेंद्र कुमार आर्य ही वर्तमान के लब्ध प्रतिष्ठित आध्यात्मिक गुरु ‘आर्यम ‘ के रूप में विख्यात हैं। आप भारतीय दर्शन और आध्यात्मिक क्षेत्र में अपने विशिष्ट व्याख्यानों के लिए जाने जाते हैं। आपकी देशनाओं और शिक्षाओं से दुनिया भर में हज़ारों लोगों का आत्म रूपांतरण हो रहा है। भारतीय प्राच्य विद्याओं और वैदिक संस्कारों के लिए आपके द्वारा किये जा रहे प्रयासों से धर्म का जगत अभिभूत हो रहा है। देश और दुनिया में आपके द्वारा लिखित आठ हज़ार से भी अधिक लेख और लगभग 85 ग्रन्थ -पुस्तकें आज उपलब्ध हैं। आपके हज़ारों प्रवचन और सन्देश लोगों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं।

आप ‘श्री एथनिक इंडिया’ मॉरिशस एवं ‘आर्यम इंटरनेशनल फाउंडेशन’ भारत एवं स्विट्ज़रलैंड के संस्थापक प्रमुख हैं। देवभूमि उत्तराखंड के मसूरी संभाग में अवस्थित ‘भगवान शंकर आश्रय’ के आप कुलप्रमुख और ‘श्री शक्ति संधान पीठ’ के मुख्य अधिष्ठाता हैं।अपने व्याख्यानों और उद्बोधन के लिए भारत के अलावा ,आप दुनिया के अनेक विश्विविद्यालयों से सम्बद्ध रहे हैं।आपने सांस्कृतिक राजदूत के रूप में अनेक देशों में भारत और भारतीयता की अलख जगाई है। आध्यात्मिक संसार में पूर्ण समर्पण से पूर्व आप एक सर्वोच्च व्यवसायिक और सक्रिय हस्ताक्षर के रूप में जाने जाते रहे हैं।आप ‘प्रेस कौंसिल ऑफ़ इंडिया’ के लिए दो बार पर्यवेक्षक रहे हैं।भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति श्री मुकेश अम्बानी के तीन वर्ष तक सलाहकार रहे हैं। आप भारत सरकार के संचार मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय में भी सलाहकार रहे हैं।

आप अमेरिका की संस्था ‘पीपुल्स सर्विसेज इंटरनेशनल’ में भी भारत के लिए सलाहकार रहे हैं। आप मॉरिशस गणराज्य के लिए भी तीन वर्ष तक डायरेक्टर ऑफ़ कम्युनिकेशन के पद पर कार्यरत रहे हैं। आपने प्रसार भारती और निजी क्षेत्र के टी वी चैनल्स के लिए प्रस्तोता के रूप में लगातार अपनी सेवाएं दी हैं। आपने कैलास मानसरोवर ,मणिमहेश,एकादश ज्योतिर्लिंगम , चारों धाम ,सातों पुरी, और हिन्दू धर्म के प्रायः समस्त प्रमुख शक्ति केंद्रों और पुण्य तीर्थों की यात्राएं की हैं। धर्माधिकारी के रूप में वेटिकन सिटी स्थित ईसाईयों के प्रमुख धर्म स्थल की यात्रा करने वाले आप पहले धर्माचार्य हैं।

भगवान बुद्ध के जन्म से लेकर महापरिनिर्वाण तक जहाँ जहाँ भी वे गए आपने स्वयं उन सभी स्थानों की दीर्घ यात्राएं की हैं। यहीं नहीं अपने उद्बोधनों हेतु हिन्दुत्त्व की प्राण प्रतिष्ठा के निहितार्थ आपने लन्दन ,पेरिस ,स्विट्ज़रलैंड,जर्मनी ,नीदरलैंड ,बेल्जियम ,ऑस्ट्रिया ,हॉलैंड ,इटली ,रोम ,वेटिकन सिटी ,साउथ अफ्रीका ,मॉरिशस, लक्ज़मबर्ग,चीन ,मेडागास्कर ,नेपाल ,भूटान , तिब्बत ,इंडोनेशिया ,मलेशिया ,थाईलैंड आदि लगभग 70 देशों की यात्राएं की हैं। आपको आपके विशिष्ट योगदान हेतु 2023 तक लगभग 65 अवार्ड पुरस्कारों से विभूषित किया जा चुका है। जिनमें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का विशिष्ट सम्मान, दिल्ली सरकार द्वारा ‘हिंदी अकादमी सम्मान, जर्मनी का ‘प्रतिनिधि सम्मान’ , रोटरी इंटरनेशनल कनाडा द्वारा ‘इंटरनेशनल वोकेशनल अवार्ड, सल्तनत ऑफ़ ओमान का ‘निशान -ए -मस्कट’, अमेरिकन बायोग्राफिकल इंस्टिट्यूट केरोलिना अमेरिका का ‘मैन ऑफ़ द ईयर -2003,ओरियंटल कल्चरल अकादमी -थाईलैंड का -‘इंस्टिट्यूट अवार्ड’ ,साउथ अफ्रीका सरकार द्वारा ‘हिंदी सम्मान’,लंदन का ‘वर्ल्ड विस्डम अवार्ड, इंडोनेशिया का ‘सृजन भारती सम्मान, मॉरिशस सरकार का ‘हिंदी विद्वान सम्मान’, तथा विश्व विद्यालय अनुदान आयोग भारत सरकार का ‘अकादमी अवार्ड’ प्रमुख हैं।

परमप्रज्ञ जगद्ग़ुरु प्रोफ़ेसर पुष्पेन्द्र कुमार आर्यम जी महाराज के संकल्प और कार्यों को मूर्तरूप देने के लिए विधिवत रूप से आर्यम इंटरनेशनल फाउंडेशन की संस्थापना की गई है। फाउंडेशन द्वारा बहुत से जनहित और समाजसेवा से संबंधित कार्यकलाप संपन्न किए गए हैं । फाउंडेशन मसूरी ( देहरादून ) के गाँव क्यारकुली भट्टा में अवस्थित है । गाँव के निकटवर्ती क्षेत्र में बहुत से विपन्न , अशक्त , बीमार , निराश्रित व्यक्ति और परिवार रहते हैं । कोविड – कोरोना के दौरान यह देखने में आया कि उनमें से कईं लोगों को निरंतर सहयोग और देखरेख की आवश्यकता है । फाउंडेशन ने ऐसे परिवारों की कोविड कोरोना के समय से ही नियमित मदद की है । कईं सप्ताह तक सौ से अधिक परिवारों को भी साप्ताहिक राशन / भोजन सामग्री निःशुल्क वितरित की गई थी ।

उसी समय कुछ परिवारों ने इस मदद को नियमित करने की गुहार लगाई , जिसे देखते हुए फाउंडेशन ने आस – पास के ग्रामीण क्षेत्र के अति निर्धन और वंचित परिवारों को प्रतिमाह निःशुल्क घरेलू राशन वितरण का एक अभियान संचालित किया हुआ है । फाउंडेशन ने इस अभियान को भंडारा कार्ड का नाम दिया है । नवम्बर 2023 तक इन परिवारों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है ।फाउंडेशन के द्वारा गाँव में ही वर्ष 2016 में एक आश्रम स्थापित किया गया है , जिसका नाम “भगवान शंकर आश्रय “ है । आश्रम द्वारा समग्र मानवता के कल्याण हेतु यह अभियान मार्च 2020 से संचालित है। आश्रम द्वारा संचालित मुफ़्त भंडारा कार्ड योजना के अन्तर्गत राशन सामग्री प्रदान की जाती है।

विभिन्न अवसरों पर वस्त्र और साधारण चिकित्सा सामग्री भी प्रदान की जाती है।अति निर्बल, बीमार और आने में असमर्थ परिवारों को राशन उनके घरों पर भी राशन पहुँचाया जाता है। बच्चों द्वारा त्याग दिए गए वृद्ध व्यक्तियों ,निराश्रित विधवाओं, बेसहारों के अपंग, बीमार और अत्यंत निर्धन व्यक्तियों के लिए यह भंडारा कार्ड योजना आश्रम की तरफ़ से संचालित है जिसे शीघ्र ही अन्य अनेक स्थानों तक विस्तारित किया जाएगा। फाउंडेशन द्वारा विभिन्न भारतीय पर्वों और त्यौहारों पर विभिन्न धार्मिक , सांस्कृतिक , संस्कारिक और नैतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है ।

इन कार्यक्रमों में देश भर से एवं स्थानीय परिवार बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं । सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय मूल्यों की प्रतिष्ठा को दृष्टिगत रखते हुए व्यवहारिक रूप से बहुत से अनुष्ठानों एवं पूजा पाठ से संबंधित कार्यक्रम भी आश्रम परिसर / फाउंडेशन स्थल पर संपन्न होते रहते हैं। फाउंडेशन ने गत वर्षों में लगभग तीन हज़ार से भी अधिक पौधों / वृक्षों का रोपण – देखरेख किया है । अब इस अभियान को “ मेरा पौधा मेरा जीवन “ से संचालित किया जा रहा है । इस अभियान के तहत लोगों को अपने घरों / स्थानों पर लगाने के लिए कपूर , रुद्राक्ष , बिल्वपत्र , पीपल आदि के पौधे निःशुल्क वितरित किए जाते रहे हैं । यह क्रम अनवरत जारी है ।

भारतीय विद्या , भारतीय संस्कार और शिक्षा सभी तक पहुँच सके इसके लिए फाउंडेशन देश के अलग अलग स्थानों पर अलग अलग अवसरों पर विभिन्न कार्यक्रमों एवं धार्मिक अनुष्ठानों का भी आयोजन कर रही है। अभी तक मेरठ , गुरुग्राम और नोएडा में ऐसे कार्यक्रम सम्पन्न हो चुके हैं । इन कार्यक्रमों में औसतन एक हज़ार से पंद्रह सौ व्यक्ति भाग लेते हैं । फाउंडेशन की गतिविधियों से लोगों के जीवन में सकारात्मक और सार्थक बदलाव आ रहा है । चूँकि आजकल प्रत्येक व्यक्ति सोशल मीडिया से भी जुड़ा हुआ है अतः उनके समग्र विकास और आत्मिक उत्थान के लिए फाउंडेशन ने यूट्यूब पर AARYAM नाम से एक चैनल भी संचालित किया हुआ है ,जिस पर निःशुल्क और निःस्वार्थ भाव से लोगों का बौद्धिक विकास किया जा रहा है । इस चैनल पर एक हज़ार से भी अधिक अंकों के माध्यम से अभी तक फाउंडेशन के प्रमुख अपना अनुभव और ज्ञान साँझा कर चुके हैं । यह सेवा भी निरंतर जारी है।

फाउंडेशन ने अपने कार्यस्थल पर लगभग सौ प्रजाति के पाँच हज़ार से भी अधिक औषधीय एवं ज्योतिषीय महत्व के पौधे संवर्धित और संरक्षित किए हुए हैं । इन पौधों के माध्यम से विशेषकर युवा एवं बच्चों को शिक्षित और जानकारी के स्तर पर अद्यतन किया जा रहा है। मसूरी क्षेत्र में ख़ासकर फाउंडेशन के परिसर क्षेत्र में ग्रामीण लोगों द्वारा वृक्षों का कटान एवं जंगलों का क्षरण एक सामान्य दिनचर्या का हिस्सा था। अब फ़ाउंडेशन की पहल पर लोगों की सोच में ज़बर्दस्त परिवर्तन आ रहा है। परिणाम स्वरूप फ़ाउंडेशन परिसर में सघन जंगल और वृक्षों की क़तारें देखी जा सकती हैं।

प्रमाण के तौर पर अन्य क्षेत्र इससे वंचित हैं।फाउंडेशन के पास अपनी दस बीघा और ट्रस्टी की भी दस बीघा कुल मिलाकर बीस बीघा ज़मीन है । चूँकि यह वनों और प्राकृतिक संपदा से आच्छादित क्षेत्र है अतः वन्य प्राणियों , पशुपक्षी एवं जीव जंतुओं की संरक्षा के लिए भी फाउंडेशन कृतसंकल्प है और समय समय पर उनके भरण – पोषण के लिए भी अनाज आदि का नियमित वितरण सुनिश्चित करती है । फाउंडेशन स्थल पर आकर कोई भी व्यक्ति इन समस्त गतिविधियों को प्रत्यक्ष देख सकता है ।

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