
नई दिल्ली: कतर की एक अदालत ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है। लेकिन भारत सरकार के पास एक मौका है जिससे वो इन सभी पूर्व नौसैनिकों को फांसी की सजा से बचा सकती है। हालांकि भारत सरकार इसको लेकर प्रयासरत है कि सभी पूर्व नौसैनिकों की जान बचाई जा सके और उन्हें सकुशल भारत लाया जाय। आइए आपको बिस्तार से बताते हैं कि भारत किस तरह से इनकी जान बचा सकता है?
भारत एलएनजी डील का सहारा लेकर बड़ी आसानी से इनकी जान बचा सकता है। दरअसल भारत के साथ कारोबार में कतर को जिस चीज से सबसे ज्यादा फायदा पहुंचता है, वो हैं भारत के साथ कतर के कारोबारी संबंध। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कतर भारत के लिक्विफाइड नेचुरल गैस यानी LNG का सबसे बड़ा स्रोत है। भारत अपनी जरुरत का आधा से ज्यादा एलएनजी कतर से ही खरीदता है। ये कतर से कुल भारतीय आयात का करीब करीब 50 फीसदी हिस्सा होता है।
एलएनजी में भारत की आयात निर्भरता लगभग 50 फीसदी है और भारत में जिस तरह से प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है, इसको देखते हुए आने वाले समय में भारत की आयात निर्भरता और ज्यादा बढ़ेगी। इसका मतलब साफ है कि आने वाले समय में भारत और ज्यादा गैस कतर से लेगा। भारत में जो एलएनजी का सबसे बड़ा ग्राहक जो कतर से गैस आयात करता है वो है सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी पेट्रोनेट एलएनजी, जिसका कतर के साथ हर साल 8.5 मिलियन टन एलएनजी के आयात का कॉन्ट्रैक्ट है।
वहीं भारत ने भी आने वाले समय यानी 2030 तक प्राथमिक उर्जा के मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 6 फीसदी से बढ़ा कर 15 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है। मतलब साफ है कि आने वाले समय में इसके आयात में और ज्यादा बढ़ोतरी होगी। अब आपको ये भी बता दें कि भारत के पेट्रोनेट का कॉन्ट्रैक्ट 2028 में खत्म हो रहा और कतर इस कॉन्ट्रैक्ट को और बढ़ाने के लिए भारत के साथ बातचीत कर रहा है। लिहाजा अब मार्केट एक्सपर्ट मानते है कि दुनियाभर के एलएनजी बाजार कुछ सालों में गैस खरीदने वाले देशों के बाजर में बदलने वाला है और कतर इसका पूरा फायदा उठाने की कोशिश करेगा। अब भारत सरकार कतर की इस कोशिश और पूर्व नौसैनिक अफसरों की सजा को आधार बनाते हुए, कतर सरकार पर सजा माफ करने का दवाब बना सकती है।