
नई दिल्ली: मंगलवार को लोकसभा (Loksabha) में जो हुआ और फिर वुधवार को राज्यसभा (Rajyasabha) में जो दोहराया गया, ये आपने टीवी पर जरुर देखा होगा। अगर नहीं देखा है तो हम आपको बता देते हैं। दरअसल मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) लोकसभा में और फिर वुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे। लेकिन दोनों ही सदनों में जब प्रधानमंत्री ने बोलना शुरु किया तो पूरा विपक्ष शोर मचाने लगा। राज्यसभा में विपक्ष एक कदम और आगे निकल गया और सांसद सदन से वॉक आउट कर गए।
विपक्षी नेताओं को उकसा रहे थे राहुल
खैर आज हम सिर्फ लोकसभा की बात करेंगे। मंगलवार को जो देखने को मिला, उसको देख कर तो यही लग रहा है कि सदन में एक बार फिर से 2012 को इतिहास दोहराया गया। मंगलवार को नेता विपक्ष राहुल गांधी को सांसदों को उकसाते हुए देखा गया। इसको लेकर बीजेपी ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें साफ साफ देखा जा सकता है कि राहुल गांधी सांसदों को हल्ला करने के लिए उकसा रहे हैं। ये उस वक्त हो रहा था जब पीएम मोदी का संबोधन चल रहा था। इस दौरान सांसदों ने मोदी सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की और संविधान जिंदाबाद के नारे लगाए।
इसको लेकर बीजेपी ने एक वीडियो जारी किया और इसके माध्यम से राहुल गांधी के उपर निशाना साधा गया। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने विपक्षी सांसदों को सदन में हंगामा करने के लिए उकसा रहे थे, जो कि अशोभनीय घटना है। दरअसल राहुल गांधी के उकसाने के साथ सांसद वेल में आकर नारेबाजी कर रहे थे।
सोनिया गांधी ने भी किया था ऐसा व्यवहार
2012 में जब देश में वाजपेयी की सरकार थी तो सोनिया गांधी ने भी कुछ ऐसा ही किया था। सोनिया गांधी ने भी एक बार नहीं बल्कि कई बार सांसदों के उकसाने का काम किया था। जिससे बार बार सदन का कार्रवाई बाधित हुई। इसको देख कर तो यही लगता है कि 2012 का इतिहास एक बार फिर से 2024 में भी दोहराया गया।
राहुल गांधी की इस हरकत को देख कर लोकसभा के सभापति ओम बिरला ने राहुल गांधी को फटकार लगा दी थी और कहा कि नेता प्रतिपक्ष को ये हरकत शोभा नहीं देता। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि मैंने आपको सदस्यों को वेल में जाने के लिए कहते हुए देखा है। लेकिन अब सवाल यही उठता है कि क्या राहुल गांधी की ये हरकत गैर-जिम्मेदाराना है? क्या ऐसी ही कुछ हरकतें राहुल गांधी की इमेज को खराब कर रहा है?
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