
Rajyasabha
नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को राज्यसभा (Rajyasabha) में बहुमत से पारित कर दिया गया है। इस बिल को 128 वोटों के समर्थन के साथ मंजूरी मिली, जबकि विपक्ष की ओर से कड़ा विरोध देखने को मिला। इससे पहले, यह बिल लोकसभा में बिना किसी रुकावट के पारित हो चुका था। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा।
सरकार ने कैसे पार की चुनौतियां?
इस विधेयक के पारित होने में सरकार के सामने एनडीए सहयोगियों को एकजुट रखना सबसे बड़ी चुनौती थी। जेडीयू और टीडीपी, जो मुस्लिम समुदाय के हितैषी माने जाते हैं, उनके समर्थन को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने विशेष रणनीति अपनाई। साथ ही, बीजेडी के कुछ सांसदों द्वारा क्रॉस वोटिंग करने और वाईएसआर कांग्रेस द्वारा व्हिप जारी न करने से सरकार को अप्रत्यक्ष लाभ मिला। इन समीकरणों ने सरकार की राह को आसान बना दिया।
बिल पर संसद में गरमाई बहस
इस बिल पर विपक्ष की ओर से कई संशोधन पेश किए गए, जिन पर अलग-अलग मतदान भी हुआ। चर्चा के दौरान विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को कमजोर करने और अन्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए लाया गया है। हालांकि, सरकार का तर्क था कि यह बिल पारदर्शिता बढ़ाने और सभी के साथ न्याय करने के उद्देश्य से लाया गया है। कानून मंत्री ने चर्चा के दौरान बताया कि सरकार को इस बिल पर 1 करोड़ से अधिक सुझाव मिले और इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में विस्तार से चर्चा के बाद लाया गया। उन्होंने कहा कि देश में वर्तमान में 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं और इनसे होने वाली आर्थिक आय का पारदर्शी उपयोग सुनिश्चित करना आवश्यक है।
क्या है वक्फ संपत्ति संशोधन विधेयक 2024?
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024, वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करता है। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना, पारदर्शिता लाना और उनके बंधन को नियंत्रित करना है।
बिल में क्या हैं प्रमुख बदलाव?
- वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम और महिलाओं को शामिल किया जाएगा।
- कलेक्टर को वक्फ संपत्ति का सर्वेक्षण करने का अधिकार मिलेगा।
- वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी।
- वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को जबरन वक्फ संपत्ति घोषित नहीं कर सकेगा।
विपक्ष की आपत्तियां और सरकार का जवाब
1954 में पहली बार जवाहरलाल नेहरू सरकार द्वारा वक्फ अधिनियम पास किया गया था, जिसे 1995 में संशोधित किया गया था। अब इस नए संशोधन के तहत, सरकार का कहना है कि वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना और उन्हें आर्थिक रूप से पारदर्शी बनाना आवश्यक है। विपक्ष इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला बता रहा है, लेकिन सरकार का कहना है कि यह सभी नागरिकों के लिए समान न्याय सुनिश्चित करने का कदम है। अब, इस विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद कानून का रूप दिया जाएगा, जिससे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे।