विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में पारित हुआ वीबी जी रैम जी विधेयक, रोजगार सुरक्षा को मिलेगा नया आधार

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VB G Ram G Bill Passed in Lok Sabha: लोकसभा ने वीबी जी रैम जी विधेयक पारित किया, जिसके तहत ग्रामीण परिवारों को 125 दिनों के रोजगार की गारंटी मिलेगी। जानें इस कानून के उद्देश्य, फायदे और संभावित प्रभाव।

नई दिल्ली: लोकसभा ने मंगलवार को वीबी जी रैम जी विधेयक को मंजूरी दे दी, जो ग्रामीण परिवारों के लिए रोजगार सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इस विधेयक के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले पात्र परिवारों को अब साल में 125 दिनों के रोजगार की गारंटी मिलेगी। सरकार का कहना है कि इस कानून का उद्देश्य ग्रामीण आजीविका के अवसरों को बढ़ाना, आय में स्थिरता लाना और कमजोर वर्गों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।

विधेयक पर सदन में लंबी और व्यापक चर्चा हुई, जिसमें इसके आर्थिक, सामाजिक और प्रशासनिक प्रभावों पर विस्तार से बहस की गई। सरकार ने स्पष्ट किया कि यह कानून खासतौर पर दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों, भूमिहीन मजदूरों और मौसमी काम पर निर्भर परिवारों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। रोजगार के दिनों में बढ़ोतरी से न केवल ग्रामीण आय में सुधार होगा, बल्कि संकट के समय होने वाले पलायन पर भी अंकुश लगेगा।

सरकार के अनुसार, गारंटीकृत रोजगार को समुदाय-आधारित और विकासोन्मुख परियोजनाओं से जोड़ा जाएगा। इन परियोजनाओं के माध्यम से ग्रामीण सड़कों, जल संरक्षण संरचनाओं, स्वच्छता सुविधाओं और अन्य बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा। मंत्रियों ने बहस के दौरान कहा कि यह विधेयक समावेशी विकास की सरकार की नीति को दर्शाता है और रोजगार के साथ-साथ टिकाऊ संपत्तियों के निर्माण में भी मदद करेगा।

कार्यांवयन को लेकर सरकार ने भरोसा दिलाया कि योजना को पारदर्शी तरीके से लागू किया जाएगा। मजदूरी के समय पर भुगतान और दुरुपयोग को रोकने के लिए डिजिटल निगरानी प्रणाली, ऑनलाइन रिकॉर्ड और तकनीकी उपायों का इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार का दावा है कि इससे लाभार्थियों का भरोसा बढ़ेगा और व्यवस्था अधिक जवाबदेह बनेगी।

विपक्षी दलों ने विधेयक के मूल उद्देश्य का समर्थन करते हुए भी इसके क्रियान्वयन और वित्तीय संसाधनों को लेकर सवाल उठाए। कुछ सांसदों ने चिंता जताई कि बढ़ी हुई रोजगार गारंटी को पूरा करने के लिए राज्यों को पर्याप्त केंद्रीय सहायता मिलेगी या नहीं। वहीं, कई सदस्यों ने जमीनी स्तर पर मजबूत योजना और निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि 125 दिनों का रोजगार केवल कागजी प्रावधान बनकर न रह जाए।

विधेयक में स्थानीय भागीदारी और जवाबदेही को विशेष महत्व दिया गया है। पंचायती राज संस्थाओं को ग्रामीण स्तर पर परियोजनाओं की पहचान, योजना निर्माण और निगरानी में अहम भूमिका दी जाएगी। इसके साथ ही, शिकायत निवारण तंत्र और सामाजिक ऑडिट से जुड़े प्रावधानों को शामिल किया गया है, ताकि जनता का विश्वास मजबूत हो और पारदर्शिता बनी रहे।

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस कानून से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिल सकता है। श्रमिकों के हाथों में अधिक आय आने से ग्रामीण मांग बढ़ेगी, जिससे स्थानीय बाजारों, छोटे व्यापारियों और सेवा क्षेत्र को फायदा हो सकता है। हालांकि विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि योजना की सफलता केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय और प्रभावी प्रशासन पर निर्भर करेगी।

लोकसभा से पारित होने के बाद यह विधेयक अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा। यदि वहां से भी इसे मंजूरी मिल जाती है, तो वीबी जी रैम जी विधेयक भारत की रोजगार नीति में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जाएगा, जो ग्रामीण विकास और सामाजिक सुरक्षा को नई दिशा दे सकता है।

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