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नई दिल्ली: संसद के दोनों सदनों में सोमवार को जोरदार हंगामा देखने को मिला। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के मुस्लिम आरक्षण पर दिए बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच तीखी बहस छिड़ गई। बीजेपी ने कांग्रेस पर संविधान बदलने की कोशिश का आरोप लगाया, जबकि कांग्रेस ने सरकार पर दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने के मुद्दे को दबाने का आरोप लगाया। हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। हालांकि, आज संसद में कई अहम विधेयकों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
वित्त विधेयक पर वित्त मंत्री आज देंगी जवाब
लोकसभा में आज वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण वित्त विधेयक 2025 पर चर्चा के दौरान जवाब देंगी। इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा सहित विपक्षी नेताओं ने सरकार पर इस विधेयक के विभिन्न प्रावधानों को लेकर सवाल उठाए थे।
राज्यसभा में बैंकिंग कानून और आपदा प्रबंधन विधेयक पर चर्चा
राज्यसभा में आज बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 और आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा होने की संभावना है। लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है।
मनरेगा भुगतान पर केंद्र-बंगाल में टकराव
पश्चिम बंगाल के सांसदों ने मनरेगा (MGNREGS) के तहत मजदूरी भुगतान में देरी को लेकर केंद्र सरकार से फंड जारी करने की मांग की। इस पर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्र शेखर ने बताया कि मनरेगा के लिए ₹86,000 करोड़ आवंटित किए गए थे, जिनमें से ₹85,000 करोड़ जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल के ₹5.7 करोड़ के कार्यों में विसंगतियां पाई गई हैं, जिन्हें राज्य सरकार स्पष्ट करेगी तो बाकी राशि जारी कर दी जाएगी।
महिला सुरक्षा कर्मियों की चुनौतियों का मुद्दा उठा
एनसीपी-शरद पवार गुट की सांसद डॉ. खान ने संसद में सुरक्षा बलों में कार्यरत महिलाओं की कठिनाइयों को उजागर किया। उन्होंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक महिला कांस्टेबल की तस्वीर का हवाला दिया, जिसमें वह अपने बच्चे को पीठ पर बांधकर ड्यूटी कर रही थी। उन्होंने कहा कि यह तस्वीर ‘नारी शक्ति’ का प्रतीक नहीं बल्कि कामकाजी माताओं को पर्याप्त सहयोग न मिलने की विफलता को दर्शाती है।
न्यायपालिका पर बढ़ते सरकारी हस्तक्षेप को लेकर विपक्ष की आशंका
विपक्षी सांसद महुआ मोइत्रा ने चिंता जताई कि केंद्र सरकार दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से कथित नकदी बरामदगी को आधार बनाकर न्यायिक नियुक्तियों में अधिक नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर सकती है। विपक्ष ने पहले भी सरकार पर न्यायपालिका की स्वतंत्रता प्रभावित करने का आरोप लगाया था। संसद में आज भी इन मुद्दों पर हंगामे की संभावना जताई जा रही है, जबकि सरकार अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।