Census 2027: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनगणना 2027 के लिए ₹11,718 करोड़ के बजट को मंजूरी दी। दो चरणों में होने वाली जनगणना डिजिटल माध्यम से की जाएगी, जिससे नीति नियोजन और विकास योजनाओं को नई दिशा मिलेगी।
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनगणना 2027 के आयोजन के लिए ₹11,718 करोड़ के बजट को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय देश के सबसे बड़े प्रशासनिक और सांख्यिकीय अभ्यासों में से एक की औपचारिक शुरुआत का संकेत देता है। आगामी जनगणना से भारत की जनसंख्या संरचना, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और जनसांख्यिकीय परिवर्तनों की एक अद्यतन और व्यापक तस्वीर सामने आने की उम्मीद है।
जनगणना 2027 दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहले चरण में मकान सूचीकरण और आवास संबंधी जानकारी एकत्र की जाएगी, जिसमें आवासीय ढांचे, घरेलू सुविधाओं और सामाजिक-आर्थिक संकेतकों का विवरण शामिल होगा। दूसरे चरण में जनसंख्या गणना की जाएगी, जिसमें आयु, लिंग, शिक्षा, रोजगार, प्रवासन और अन्य जनसांख्यिकीय पहलुओं से जुड़ा डेटा जुटाया जाएगा।
यह जनगणना विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि पिछली जनगणना वर्ष 2021 में प्रस्तावित थी, लेकिन कोविड-19 महामारी और अन्य प्रशासनिक कारणों से इसे स्थगित करना पड़ा था। नए बजट आवंटन के साथ सरकार डेटा संग्रह प्रक्रिया को आधुनिक बनाने और तकनीक के अधिक उपयोग पर जोर दे रही है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस बार जनगणना को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचालित किया जाएगा। गणनाकारों द्वारा हैंडहेल्ड डिजिटल उपकरणों का उपयोग किया जाएगा, जिससे कागजी कार्य में कमी आएगी और डेटा की सटीकता बढ़ेगी। डिजिटल प्रणाली से आंकड़ों के संकलन और विश्लेषण की प्रक्रिया भी तेज होने की उम्मीद है।
गृह मंत्रालय के अंतर्गत जनगणना कार्य से जुड़े कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। बजट का एक हिस्सा सुरक्षित डेटा भंडारण, बैकअप व्यवस्था और सत्यापन तंत्र को मजबूत करने पर भी खर्च किया जाएगा, ताकि जानकारी की विश्वसनीयता बनी रहे।
विशेषज्ञों का कहना है कि जनगणना 2027 महामारी के बाद हुए जनसांख्यिकीय बदलावों, शहरीकरण, प्रवासन और आय से जुड़े रुझानों को समझने में अहम भूमिका निभाएगी। साथ ही, यह डेटा नीति निर्माण, कल्याणकारी योजनाओं, संसाधनों के आवंटन और विकास योजनाओं के लिए आधार बनेगा।
सरकार का लक्ष्य जनगणना प्रक्रिया को पारदर्शी, सुचारू और समयबद्ध तरीके से पूरा करना है। माना जा रहा है कि जनगणना 2027 से प्राप्त आंकड़े आने वाले दशक में देश की नीतियों और विकास योजनाओं को दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
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