Trump Faces Setback on Birthright Citizenship: अमेरिका की फेडरल कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप के उस आदेश पर रोक लगाई जिसमें अवैध या अस्थायी वीजा पर रह रहे लोगों के बच्चों को नागरिकता देने से इनकार किया गया था।
वॉशिंगटन: अमेरिका की एक फेडरल कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस कार्यकारी आदेश पर देशभर में रोक लगा दी है, जिसमें अवैध या अस्थायी वीजा पर अमेरिका में रह रहे लोगों के बच्चों को जन्मसिद्ध नागरिकता देने से इनकार किया गया था। न्यू हैम्पशायर स्थित अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज जोसेफ लैप्लांते ने इस आदेश को अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन और लंबे समय से चली आ रही नागरिकता नीति के खिलाफ बताते हुए इसे रद्द कर दिया।
ट्रंप ने 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले दिन ही यह आदेश जारी किया था। इस आदेश के खिलाफ अमेरिकी सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) और अन्य संगठनों ने अदालत में चुनौती दी थी। जज लैप्लांते ने फैसले में कहा कि यह आदेश न सिर्फ असंवैधानिक है, बल्कि बच्चों को अपूरणीय क्षति पहुंचा सकता था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह फैसला केवल कुछ संगठनों से जुड़े लोगों पर नहीं, बल्कि 20 फरवरी 2025 के बाद जन्मे उन सभी बच्चों पर लागू होगा जो इस आदेश से प्रभावित हो सकते थे।
कोर्ट का यह फैसला क्लास एक्शन मुकदमे के जरिए आया है, जिसमें प्रभावित बच्चों को एक समूह के रूप में राहत दी गई है। हालांकि, कोर्ट ने इस समूह में माता-पिता को शामिल करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उनके कानूनी हालात अलग-अलग हैं। व्हाइट हाउस ने कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट की हालिया गाइडलाइन के खिलाफ बताते हुए इसे क्लास एक्शन प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल कहा है और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।
गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों द्वारा दिए जाने वाले देशव्यापी रोक (नैशनल इनजंक्शन) पर सवाल उठाए थे, लेकिन संविधान विरोधी आदेशों पर क्लास एक्शन मुकदमे के जरिए रोक लगाने को वैध माना था। फिलहाल, ACLU के वकील कोडी वोफसी ने इस फैसले को संविधान और बच्चों के अधिकारों की “बड़ी जीत” करार दिया है। हालांकि, यह मामला आगे सुप्रीम कोर्ट तक जा सकता है, जहां अंतिम निर्णय होगा कि इस तरह की राहत कानूनन कितनी सही है।