
नई दिल्ली: दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर अमेरिका के न्यू जर्सी में बनकर तैयार हो गया है। इस मंदिर का नाम बीएपीएस अक्षरधाम रखा गया है। इस मंदिर को अगले महीने 8 अक्तूबर को इस मंदिर का उद्घाटन होगा और उसके ठीक 10 दिन बाद यानी 18 अक्तूबर से आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक इस मंदिर को अमेरिका में रहने वाले 12 हजार से ज्यादा स्वंयसेवकों ने बनाया है। ये मंदिर का परिसर करीब 183 एकड़ में फैला हुआ है, जिसे बनाने में करीब 12 साल का वक्त लगा है। स्वामीनारायण अक्षरधाम समिति ने इस मंदिर को बनवाने का काम साल 2011 में शुरु किया था।
अमेरिका में कहां स्थित है ये मंदिर?
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर अमेरिका के न्यू जर्सी के रॉबिन्सविल टाउनशिप में बनाया गया हो जो न्यूयॉर्क सिटी से करीब 90 किमी और वॉशिंगटन डीसी से करीब 289 किमी की दूरी पर स्थित है।

क्या खासियत है इस मंदिर में?
इस मंदिर में की गई नक्काशी मंदिर की खूबसूरती में चार चांद लगा रहा है। अलग अलग धार्मिक ग्रंथों से प्रेरणा लेते हुए मंदिर परिसर में करीब 10 हजार से ज्यादा प्रतिमाएं लगाई गई हैं। यहां मुख्य मंदिर के अलावा 12 और मंदिर बनाए गए हैं। मुख्य मंदिर में 9 शिखर और 9 पिरामिड शिखर हैं। इतना ही नहीं, इस मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा गुंबद लगाया गया है, जो अंडाकार है और पत्थर से बना है।

मंदिर में चार तरह के पत्थर का इस्तेमाल किया है। जिसमें ग्रेनाइट, संगमरमर, गुलाबी और बलुआ पत्थर शामिल है। इस मंदिर को लेकर सबसे खास बात तो ये है कि इस मंदिर का निर्माण इस तरह से किया गया है कि अगले 1000 साल तक इस मंदिर को कुछ भी नहीं होगा। इसमें लगाए गए पत्थर हर मौसम के लिए प्रतिकूल है। मंदिर परिसर में एक ब्रह्म कुंड का भी निर्माण किया गया है, जिसमें भारत की प्रमुख नदियों के जल और अमेरिका के सभी राज्यों सहित दुनिया भर के 300 से ज्यादा जलाशयों के पानी का भरा गया है।

दूसरा सबसे बड़ा मंदिर क्यों है ये?
अमेरिका के न्यू जर्सी में बना ये मंदिर करीब 183 एकड़ में फैला है। जबकि दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर जो कंबोडिया के अंकोरवाट में स्थित है। भगवान विष्णु को समर्पित ये मंदिर करीह 500 एकड़ में फैला है। जबकि भारत की राजधानी दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर करीब 100 एकड़ में फैला हुआ है जो दुनिया को तीसरा सबसे बड़ा मंदिर है। इसी हिसाब से न्यू जर्सी का ये अक्षरधाम मंदिर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है।