
मंगलवार यानी 8 अक्तूबर को हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आए। हरियाणा में तो लगातार भाजपा की सरकार बनी लेकिन जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार बनने जा रही है, जिसके मुखिया उमर अब्दुल्ला होंगे। लेकिन इसी बीच यहां एक राजनीतिक परिवार के लौ को यहां की जनता ने जलने से पहले ही बुझा दी। वो परिवार है महबूबा मुफ्ती की परिवार। इस बार महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी की तरफ से बिजबिहार-श्रीगुफवाड़ा सीट से अपनी बेटी इल्तिजा मुफ्ती को चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें नेशनल कॉन्फ्रेंस के बशीर अहमद के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
एक तरह से देखा जाए तो इल्तिजा मुफ्ती का हारना अब मुफ्ती परिवार की राजनीति के लिए अच्छा संकेत नहीं है। अब इस परिवार के राजनीतिक अस्तित्व संकट मंडराने लगा है। इसकी एक वजह से भी है कि मुफ्ती परिवार की दो पीढ़ियां – इल्तिजा के नाना और उनकी मां मुख्यमंत्री पद की कुर्सी तक पहुंची लेकिन बेटी अपना पहला विधानसभा चुनाव ही हार गई। नेशनल कॉन्फ्रेंस के बशीर अहमद ने उन्हें 9770 वोटों के अंतर से हराया है। यहां दिलचस्प बात ये भी है कि मतगणना के दौरान ही इल्तिजा ने अपनी हार मान ली थी और एक्स पर लिख भी दिया था।
आपको बता दें कि ये इल्तिजा का पहला चुनाव था और इस बार के विधानसभा चुनाव में वो मुफ्ती परिवार की अकेली उम्मीदवार थीं। इस बार के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव नतीजों की बात करें तो नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने मिल कर 40 से अधिक सीटों पर कब्जा किया तो पीडीपी को मात्र 4 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। पीडीपी के लिए ये चुनाव नतीजा पार्टी की साख और मुफ्ती परिवार के लिए परेशानी का सबब भी बन सकता है।