
पूर्णिया: शहर में इन दिनों साइबर ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पुलिस की मानें तो ये पैटर्न बिल्कुल वैसा ही है जैसा झारखंड के जामताड़ा में साइबर ठगी का गिरोह इन दिनों काम कर रहा है। पुलिस पूर्णिया में पनप रहे गिरोह को जामताड़ा क्लोन ही बता रही है। अब इन साइबर अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश की आर्थिक अपराध इकाई (EoU) भी जुट गई है। यहां शहर में भी सक्रिय गिरोह भी पलक झपकते लोगों के बैंक खाते से रुपये उड़ा ले रहे हैं।
इसी साल 28 जनवरी को एक मामला सामने आया था, जब इस तरह के गिरोह ने नकली फिंगर प्रिंट और आधार नंबर के सहारे दूसरे राज्यों के बैंक ग्राहकों के खातों से लाखों रुपये उड़ाने वाले एक गिरोह के 8 सदस्यों को कसबा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसको लेकर कांड संख्या 40/2023 दर्ज किया गया था और मामले की गंभीरता को देखते हुए अब बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने इस मामले को कसबा पुलिस से अपने हाथों में ले लिया है। जो जानकारी निकल कर सामने आई है, उसके मुताबिक इस गिरोह के तार सिर्फ सींमाचल में ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों से भी जुड़े हुए हैं।
28 जनवरी को कसबा पुलिस ने इस अपराधियों के पास से पॉलीमर स्टांप मशीन, दो बोतल पॉलीमर लिक्विड, 97 फिंगर प्रिंट्स बने हुए, तीन पॉलीमर रबर सीट, आधार नंबर के साथ 92 फिंगर प्रिंट सहित कई सामान बरामद किए थे। इसके अलावा पुलिस ने इनके पास से 8 अलग अलग बैंकों के पासबुक भी बरामद किए थे। इन अपराधियों से जब पुलिस ने पुछताछ की थी तो कई और चौंकाने वाले खुलासे हुए। मिली जानकारी के मुताबिक 8 में से 2 अपराधी कसबा थाना क्षेत्र के ही रहने वाले थे।
ताजा जानकारी के मुताबिक इन साइबर ठगों का तार बिहार के कई और जिलों के अलावा देश के कई राज्यों से जुड़ने की बात सामने आई है। इसके बाद आर्थिक अपराध इकाई ने इसकी जांच करने का फैसला लिया और अन्य राज्यों से इसके लिए मदद की अपील की है। जांच के दौरान पता चला है कि आंध्रप्रदेश के अलावा हरिया, पंजाब, मध्य प्रदेश और ओडिशा से भी इस गिरोह के तार जुड़े हुए हैं। इसकी जांच को और आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक अपराध इकाई के एक डीएसपी के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है।