राहुल गांधी की सेना पर टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट की सख्‍त नाराजगी, मानहानि केस में अंतरिम राहत लेकिन तीखे सवाल

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Supreme Court Slams Rahul Gandhi: गलवान संघर्ष पर सेना के खिलाफ राहुल गांधी की टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी। कोर्ट ने पूछा—क्या आपके पास चीनी कब्जे का कोई प्रमाण है? मानहानि केस पर फिलहाल 3 हफ्तों की रोक।

नई दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा भारतीय सेना के खिलाफ की गई विवादास्पद टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। यह मामला वर्ष 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हुए सैन्य संघर्ष से जुड़ा है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे आपराधिक मानहानि मामले में अंतरिम राहत देते हुए फिलहाल कार्यवाही पर तीन सप्ताह की रोक लगा दी है, लेकिन सुनवाई के दौरान कोर्ट की टिप्पणी काफी सख्त रही।

सख्त टिप्पणियां और तीखे सवाल
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने राहुल गांधी की सोशल मीडिया टिप्पणियों को लेकर गहरी नाराजगी जताई। पीठ ने कहा कि एक सच्चे भारतीय को इस प्रकार के बयान नहीं देने चाहिए। जस्टिस दत्ता ने यहां तक पूछा कि “क्या आपके पास कोई विश्वसनीय सामग्री है यह साबित करने के लिए कि चीन ने 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है? क्या आप स्वयं वहां मौजूद थे?”

संसद में क्यों नहीं कहा?’
सुनवाई के दौरान राहुल गांधी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि एक विपक्षी नेता को मुद्दे उठाने का अधिकार होना चाहिए। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि “यदि कुछ कहना है तो संसद में क्यों नहीं कहते? सोशल मीडिया पर कहने की आवश्यकता क्यों पड़ी?”

सच्चे भारतीय’ बयान पर विवाद
जब सिंघवी ने कहा कि “एक सच्चा भारतीय यह भी कह सकता है कि हमारे 20 जवानों की मृत्यु चिंता का विषय है”, तब कोर्ट ने जवाब में कहा कि ऐसा कहने के लिए भी तथ्यात्मक प्रमाण होना चाहिए। कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या सीमा पर संघर्ष होने पर दोनों पक्षों के बीच हताहत होना असामान्य बात है?

मानहानि मामला और इलाहाबाद हाई कोर्ट की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी पर यह मामला सीमा सड़क संगठन (BRO) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव द्वारा दायर किया गया था। शिकायत में कहा गया कि गांधी ने दिसंबर 2022 में भारत-चीन सीमा पर हुई झड़प को लेकर भारतीय सेना के खिलाफ “चीनी सैनिक हमारे जवानों को पीट रहे हैं” जैसे अपमानजनक बयान दिए, जिससे सेना की छवि धूमिल हुई। इससे पहले 29 मई 2024 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी राहुल गांधी की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भी सीमाएं होती हैं और भारतीय सेना को बदनाम करने वाले बयानों की अनुमति नहीं दी जा सकती।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका (SLP) पर नोटिस जारी कर दिया है और कार्यवाही पर फिलहाल तीन सप्ताह की अंतरिम रोक लगा दी है। हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह सिर्फ कानूनी पहलुओं पर विचार कर रही है, लेकिन व्यक्त की गई टिप्पणियों को गंभीरता से लिया गया है।

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