
वाशिंगटन, डी.सी.: नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से दिवाली की शुभकामनाएं भेजी हैं। उनके द्वारा भेजा गया यह संदेश बहुत ही खास है, क्योंकि इस समय वह पृथ्वी से 260 मील ऊपर अंतरिक्ष में हैं और पिछले पांच महीनों से आईएसएस पर कार्यरत हैं। इस संदेश के माध्यम से सुनीता ने अपनी सांस्कृतिक जड़ों के प्रति अपना लगाव प्रकट किया, और अपने पिता को याद किया, जिन्होंने उन्हें भारतीय त्योहारों के बारे में सिखाया और उनके भारतीय मूल की परंपराओं को जीवित रखा।
वाइट हाउस में दिखाया गया वीडियो
सुनीता का यह वीडियो व्हाइट हाउस में आयोजित एक विशेष दिवाली समारोह में दिखाया गया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारतीय-अमेरिकियों के साथ मिलकर दिवाली का जश्न मनाया। राष्ट्रपति बाइडेन के कार्यकाल की यह अंतिम दिवाली थी, क्योंकि उन्होंने अगले चुनाव में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है। इस समारोह के दौरान सुनीता ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस उत्सव के माध्यम से भारतीय-अमेरिकी समुदाय के योगदान को सराहा।

एक सप्ताह का ही था मिशन
सुनीता और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर इस समय आईएसएस पर लगभग आठ महीने के विस्तारित मिशन पर हैं। वे दोनों जून 2024 में बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर सवार होकर आईएसएस पहुंचे थे। इस मिशन के अनुसार, उनकी अंतरिक्ष यात्रा केवल एक सप्ताह की होनी थी, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण यह यात्रा लंबी हो गई। 5 जून को लॉन्च होने के बाद, वे 6 जून को आईएसएस पहुंचे, और योजना के अनुसार उन्हें एक सप्ताह बाद पृथ्वी पर लौटना था। लेकिन स्टारलाइनर में तकनीकी दिक्कतें आने के कारण नासा ने निर्णय लिया कि अंतरिक्ष यान को बिना किसी चालक दल के वापस लाया जाए। सितंबर 2024 में स्टारलाइनर को सफलतापूर्वक पृथ्वी पर वापस लाया गया, लेकिन नासा ने यह तय किया कि विलमोर और विलियम्स को अंतरिक्ष में ही कार्य जारी रखना होगा, क्योंकि उन्हें तत्काल वापस लाना जोखिम भरा हो सकता था।
फरवरी में वापस लौटने की है उम्मीद
अब उनकी वापसी अगले साल फरवरी 2025 में निर्धारित की गई है, जिससे यह मिशन लगभग आठ महीने का हो गया है। इस अनपेक्षित विस्तार ने सुनीता और उनके साथी के लिए कठिनाइयां भी पैदा की हैं, लेकिन सुनीता ने दिवाली के इस अवसर पर अंतरिक्ष से अपने संदेश में आशा और नवीनीकरण के महत्व को व्यक्त किया। उन्होंने अपने साथ भगवद गीता, उपनिषद और समोसे जैसे भारतीय सांस्कृतिक वस्त्रें लेकर आई हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का पालन उनके जीवन का एक अहम हिस्सा है।
यह संदेश दिखाता है कि कैसे एक भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री अपने कार्यस्थल से भी अपनी संस्कृति और परंपराओं को संजो कर रख सकती हैं और उन पर गर्व कर सकती हैं। सुनीता विलियम्स का यह संदेश, न केवल भारतीय मूल के लोगों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक सकारात्मक संदेश देता है कि अंतरिक्ष में दूर रहकर भी लोग अपनी सांस्कृतिक विरासत से जुड़े रह सकते हैं।