
Farmer protest
चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए बुधवार को शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर बेदखली अभियान चलाया। पंजाब पुलिस ने इन स्थानों पर डेरा जमाए किसानों को हटा दिया और उनके अस्थायी ढांचों को ध्वस्त कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन विरोध प्रदर्शनों के कारण यह सीमाएं एक साल से अधिक समय से बंद थीं। पुलिस की कार्रवाई के दौरान किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल सहित कई अन्य नेताओं को हिरासत में लिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक से लौटते समय मोहाली में हिरासत में लिया गया। बताया जा रहा है कि ये नेता अनिश्चितकालीन अनशन पर थे।

पुलिस ने पंधेर को जीरकपुर बैरियर से पटियाला के बहादुरगढ़ कमांडो पुलिस ट्रेनिंग सेंटर भेज दिया, जबकि दल्लेवाल को एम्बुलेंस में यात्रा के दौरान हिरासत में लिया गया। विरोध स्थलों को खाली कराने से पहले भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। पटियाला रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) मनदीप सिंह सिद्धू के नेतृत्व में खनौरी सीमा पर लगभग 3,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी, जबकि शंभू सीमा के लिए भी बड़ी संख्या में सुरक्षा बल भेजा गया था।
प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने से पहले पुलिस ने उन्हें दस मिनट का समय दिया, जिसके बाद उन्हें बसों में बैठाकर हटा दिया गया। इस पूरे अभियान के दौरान एम्बुलेंस, बसें, अग्निशमन वाहन और दंगा-रोधी उपकरण तैनात किए गए थे। इस कार्रवाई पर पंजाब सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि लंबे समय से जारी राजमार्ग नाकाबंदी से आर्थिक नुकसान हो रहा था। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पुलिस कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा कि इससे राज्य को हो रहे आर्थिक नुकसान को कम किया जा सकेगा।