भारत में Starlink लॉन्च के करीब, उच्च-स्तरीय बैठकें तेज़, दूरदराज़ क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट की उम्मीद बढ़ी

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Starlink Nears India Launch: भारत में Starlink की एंट्री अब अंतिम चरण में है। नई दिल्ली में उच्च-स्तरीय बैठकें, एलोन मस्क के संकेत और LEO सैटेलाइट नेटवर्क के विस्तार ने हाई-स्पीड इंटरनेट लॉन्च की उम्मीद बढ़ाई है।

नई दिल्ली: भारत में स्पेसएक्स की उपग्रह-आधारित इंटरनेट सेवा स्टारलिंक (Starlink) की एंट्री अब पहले से कहीं अधिक नज़दीक दिखाई दे रही है। हाल के सप्ताहों में नई दिल्ली में हुई महत्वपूर्ण बैठकों और एलोन मस्क की एक वैश्विक स्तर पर चर्चा बनी पोस्ट ने देश में Starlink के संभावित लॉन्च की उम्मीदों को और मजबूत कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, Starlink प्रतिनिधि भारत में लाइसेंसिंग और नियामक मंज़ूरी के अंतिम चरण में भारतीय अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से संवाद कर रहे हैं। दिल्ली में हुई चर्चाएँ मुख्य रूप से लाइसेंस, स्पेक्ट्रम उपयोग, और परिचालन मानकों पर केंद्रित थीं, जिससे संकेत मिलता है कि सरकार इस बार पहले की तुलना में अधिक सुगमता से प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। कुछ वर्षों पहले प्राधिकरण न होने के कारण Starlink को अपना प्री-बुकिंग अभियान रोकना पड़ा था।

इस बीच, एलोन मस्क ने भी एक पोस्ट के माध्यम से संकेत दिया कि उनकी कंपनी भारत के दूरदराज़ और नेटवर्क-विहीन क्षेत्रों में “उच्च गति और विश्वसनीय कनेक्टिविटी” प्रदान करने के लिए तैयार है। इस संदेश ने उपभोक्ताओं और टेक इंडस्ट्री में नई चर्चा पैदा कर दी है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड की उपलब्धता सीमित है। यदि भारत सरकार हरी झंडी दिखाती है, तो Starlink देश के डिजिटल ढांचे में अहम बदलाव ला सकता है। इसके लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) उपग्रह उन क्षेत्रों तक स्थिर इंटरनेट पहुंचाने में सक्षम होंगे जहां अब तक कनेक्टिविटी एक बड़ी चुनौती रही है—जैसे पहाड़ी इलाके, ग्रामीण गाँव, द्वीप और सीमावर्ती क्षेत्र। यह भारत के डिजिटल समावेशन मिशन के अनुरूप भी है।

इंडस्ट्री विशेषज्ञों का मानना है कि Starlink के आगमन से घरेलू टेलीकॉम कंपनियों को भी ग्रामीण क्षेत्रों में अपने नेटवर्क विस्तार को तेज़ करना होगा। हालांकि, कीमत, प्रतिस्पर्धा, और उपग्रह संचार से जुड़े नियमों पर कई सवाल अभी भी बने हुए हैं, जिन पर सरकार सावधानी से विचार कर रही है। हाल ही में चर्चा में आए Starlink प्लान के दामों को लेकर भी स्पष्टता सामने आई है। गलत जानकारी में ₹8,600 मासिक शुल्क दर्शाया गया था, जिसे बाद में सुधारकर अब अनुमानित कीमत ₹2,500 से ₹3,500 के बीच बताई जा रही है। इसके अलावा, ग्राहकों को पहचान सत्यापन और आवश्यक दस्तावेज़ प्रक्रिया से भी गुजरना होगा।

भले ही आधिकारिक लॉन्च तिथि अभी घोषित नहीं की गई है, लेकिन नई दिल्ली में बढ़ती हलचल और मस्क के संकेत बताते हैं कि प्रक्रिया अंतिम चरण में है। यदि अनुमतियाँ शीघ्र मिल जाती हैं, तो Starlink जल्द ही भारत में सेवाएँ शुरू कर सकता है—खासकर उन लाखों लोगों के लिए जो तेज़ और विश्वसनीय इंटरनेट की उम्मीद लेकर वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे हैं। Starlink का वैश्विक नेटवर्क लगातार विस्तार कर रहा है और भारत में इसका संभावित लॉन्च देश के डिजिटल भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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