Shivraj Patil Passes Away: पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और लोकसभा के 10वें अध्यक्ष शिवराज पाटिल का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने लातूर के अपने आवास ‘देवघर’ में अंतिम सांस ली। पाटिल ने गृह मंत्रालय, रक्षा राज्य मंत्री, राज्यपाल और चंडीगढ़ प्रशासक समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश की केंद्रीय राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले शिवराज पाटिल का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने लातूर स्थित अपने निजी आवास ‘देवघर’ में अंतिम सांस ली। परिवार के सूत्रों के अनुसार, पाटिल बीते कुछ समय से अस्वस्थ थे और इसी दौरान उनका देहांत हुआ। उनके परिवार में बेटा शैलेश पाटिल, बहू अर्चना पाटिल—जो भाजपा नेता हैं—और दो पोतियां हैं।
शिवराज पाटिल का राजनीतिक सफर बेहद व्यापक रहा। वह 2004 से 2008 तक देश के केंद्रीय गृह मंत्री, तथा 1991 से 1996 तक 10वें लोकसभा अध्यक्ष रहे। इसके अलावा वह पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक (2010–2015) के पद पर भी कार्यरत रहे। इंदिरा गांधी सरकार के दौरान उन्होंने रक्षा राज्य मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।
लातूर से जुड़े पाटिल ने अपना करियर लातूर नगर परिषद के प्रमुख के रूप में शुरू किया था। 70 के दशक में वह विधायक बने और बाद में लातूर लोकसभा सीट से सात बार सांसद चुने गए। वर्ष 2004 के चुनाव में उन्हें भाजपा उम्मीदवार रूपताई पाटिल निलंगेकर से हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस नेताओं ने पाटिल को गरिमामय व्यवहार, गहन अध्ययनशीलता और राजनीतिक मर्यादा का प्रतीक बताया। उनका कहना है कि पाटिल ने अपने जीवन में कभी व्यक्तिगत हमलों की राजनीति नहीं की और हमेशा संवैधानिक दायरे व शालीनता का पालन किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि शिवराज पाटिल एक दिग्गज और ईमानदार नेता थे। देश की सेवा में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की। शिवराज पाटिल के निधन से देश ने एक अनुभवी, सादगीपूर्ण और संवैधानिक मूल्यों वाले नेता को खो दिया है।
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