Sanjeevani Cancer Screening in Maharashtra: महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में संजीवनी योजना के तहत चले कैंसर स्क्रीनिंग अभियान में 14,542 महिलाओं में कैंसर जैसे लक्षण पाए गए। शुरुआती जांच से सैकड़ों महिलाओं का समय पर इलाज हुआ और ज़िंदगियां बचीं।
मुंबई: महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में शुरू हुए एक अनोखे स्वास्थ्य अभियान ने कैंसर जैसी घातक बीमारी के खिलाफ जंग में नई उम्मीद जगा दी है। इस विशेष अभियान का नाम है ‘संजीवनी योजना’, जिसके ज़रिये हज़ारों महिलाओं की ज़िंदगी को समय रहते बचाया जा सका। 8 मार्च से शुरू हुए इस व्यापक अभियान में हिंगोली जिले के कुल 2,92,996 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। अभियान के तहत हर व्यक्ति को एक फार्म भरवाया गया जिसमें उनके स्वास्थ्य, जीवनशैली और कैंसर से जुड़े लक्षणों के बारे में सवाल पूछे गए। इस व्यवस्थित जांच प्रक्रिया के बाद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। आंकड़ों के मुताबिक 14,542 महिलाओं में कैंसर जैसे लक्षण पाए गए।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबीतकर ने गुरुवार को विधानसभा में बताया कि प्रारंभिक जांच के बाद जिन महिलाओं में कैंसर की आशंका दिखी, उनकी और गहन जांच की गई। इस जांच के नतीजे में तीन महिलाओं में गर्भाशय का कैंसर, एक महिला में ब्रेस्ट कैंसर और आठ महिलाओं में मुंह का कैंसर की पुष्टि हुई। अच्छी बात यह रही कि बीमारी की शुरुआती पहचान होने के चलते इन सभी महिलाओं का समय रहते इलाज शुरू हो गया।
इस अभियान की सबसे अहम विशेषता यह रही कि यह हिंगोली के जिला कलेक्टर की पहल पर शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य था कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का समय रहते पता लगाना और उचित इलाज सुनिश्चित करना। मंत्री अबीतकर के मुताबिक, अभियान का मुख्य मकसद यही था कि कैंसर को शुरुआती चरण में ही पहचाना जाए, ताकि मरीजों की ज़िंदगियां बचाई जा सकें।
हिंगोली जैसे अर्ध-ग्रामीण जिले में इस तरह का व्यापक कैंसर स्क्रीनिंग अभियान चलाना न सिर्फ प्रशासन की दूरदृष्टि को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि सरकारी स्तर पर की गई सक्रिय पहलें वास्तविक रूप में हज़ारों लोगों की ज़िंदगी बदल सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे अभियान बाकी ज़िलों और राज्यों के लिए भी एक मिसाल हैं, जहाँ समय पर बीमारी की पहचान से न सिर्फ मृत्यु दर घटाई जा सकती है, बल्कि उपचार की सफलता दर भी कई गुना बढ़ाई जा सकती है।