
Robert Vadra
नई दिल्ली: गुरुग्राम लैंड डील मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) से गुरुवार को एक बार फिर पूछताछ की। वाड्रा सुबह करीब 11 बजे दिल्ली स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे, इस दौरान उनकी पत्नी और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी उनके साथ दिखाई दीं। यह पूछताछ वर्ष 2008 के हरियाणा के गुरुग्राम के मानेसर-शिकोहपुर जमीन सौदे में कथित अनियमितताओं को लेकर की जा रही है। इस मामले में वाड्रा से पिछले दो दिनों में 12 घंटे से अधिक पूछताछ की जा चुकी है। आज भी उनके बयान मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए जा रहे हैं।
रॉबर्ट वाड्रा ने ईडी की कार्रवाई को “राजनीतिक प्रतिशोध” से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग किया है और हजारों पन्नों के दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं। वाड्रा का कहना है कि यह मामला करीब दो दशक पुराना है और अब इसे समाप्त किया जाना चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
यह जमीन सौदा फरवरी 2008 का है, जब स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड—जिसके डायरेक्टर उस समय रॉबर्ट वाड्रा थे—ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। बाद में 2012 में इसे डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया गया। इस सौदे में कथित गड़बड़ियों को तत्कालीन आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने उजागर किया था। उस समय वह हरियाणा में भूमि चकबंदी और अभिलेख महानिदेशक थे। खेमका ने इस सौदे को राज्य चकबंदी अधिनियम और संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन मानते हुए रद्द कर दिया था।
विपक्ष में रही भाजपा ने उस समय कांग्रेस को इस सौदे पर घेरते हुए इसे ‘भ्रष्टाचार’ और ‘भाई-भतीजावाद’ का प्रतीक बताया था, क्योंकि यह सौदा वाड्रा से जुड़ा था और तब हरियाणा में कांग्रेस की भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार थी। ईडी की जांच अब भी जारी है और संभावना है कि वाड्रा से आने वाले दिनों में और भी पूछताछ की जा सकती है।