Raksha Bandhan in Abujhmad: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ में सीमा सुरक्षा बल ने रक्षाबंधन बड़े उत्साह से मनाया। स्थानीय नागरिकों और जवानों के बीच भाईचारे, विश्वास और विकास की डोर और मजबूत हुई।
अबूझमाड़ (छत्तीसगढ़): नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ के घने जंगलों और दुर्गम पहाड़ियों के बीच, सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने रक्षाबंधन का पर्व एक अनोखे अंदाज में मनाकर सुरक्षा और भाईचारे की अद्भुत मिसाल पेश की। यह आयोजन मुख्यालय सोनपुर तथा कंपनी ऑपरेटिंग बेस (सीओबी) डोंडरीबेड़ा, होराडी, गड़पा और कंडुलनार में आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने हिस्सा लिया।

स्थानीय महिलाएं और बच्चियां रंग-बिरंगी राखियां लेकर जवानों के पास पहुँचीं और उनके हाथों पर राखी बांधकर सुरक्षा और सेवा के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। बदले में जवानों ने भी क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के अपने संकल्प को दोहराया। यह आत्मीय मिलन, न केवल भावनाओं का आदान-प्रदान था, बल्कि सुरक्षा बल और नागरिकों के बीच विश्वास का सेतु भी मजबूत हुआ।
नागरिकों ने नक्सल प्रभावित इलाकों में दिन-रात तैनात जवानों के साहस और त्याग के लिए आभार जताया। वहीं, जवानों ने स्पष्ट संदेश दिया कि उनकी जिम्मेदारी केवल हथियारों के बल पर शांति बनाए रखना नहीं है, बल्कि समाज के सामाजिक और आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदारी निभाना भी है।

सीमा सुरक्षा बल अबूझमाड़ में बुनियादी ढांचा सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार जैसे कार्यों में भी योगदान दे रही है। इस प्रयास ने दूर-दराज के इस क्षेत्र में सुरक्षा के साथ-साथ विकास और प्रगति की नई संभावनाओं को जन्म दिया है।
रक्षाबंधन जैसे सांस्कृतिक अवसर, जहां आमतौर पर परिवार साथ आते हैं, वहीं अबूझमाड़ में इस दिन ने सुरक्षा बल और स्थानीय समुदाय को एक परिवार की तरह जोड़ दिया। यह आयोजन इस सच्चाई का प्रमाण है कि जब विश्वास, सम्मान और आपसी सहयोग की डोर मजबूत होती है, तो सबसे कठिन परिस्थितियों में भी शांति और प्रगति संभव है।