भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम के बाद विदेश नीति पर उठे सवाल, राहुल गांधी ने विदेश मंत्री पर साधा निशाना

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भारत-पाकिस्तान सीजफायर के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर तीखा हमला किया। जानिए उन्होंने भारत की विदेश नीति पर क्या सवाल उठाए और सरकार की क्या प्रतिक्रिया रही।

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष विराम के बाद राजनीतिक पारे में तेजी आ गई है। लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को भारत की विदेश नीति पर गहरे सवाल उठाते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर विदेश मंत्री को ‘जेजे’ कहते हुए तीन अहम सवाल पूछे, जिनका संबंध भारत-पाकिस्तान संबंधों, अंतरराष्ट्रीय समर्थन और अमेरिका की भूमिका से है।

राहुल गांधी ने लिखा – “क्या जेजे बताएंगे कि भारत को पाकिस्तान के साथ क्यों जोड़ दिया गया है? पाकिस्तान की निंदा करने में एक भी देश ने हमारा साथ क्यों नहीं दिया? और डोनाल्ड ट्रंप से भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के लिए किसने कहा?”

यह पहली बार नहीं है जब विपक्ष ने विदेश मंत्री को निशाने पर लिया है। इससे पहले भी कांग्रेस नेताओं ने जयशंकर को “नए युग का जयचंद” कहा था — एक ऐतिहासिक संदर्भ जिसका प्रयोग अक्सर देशद्रोह के प्रतीक के रूप में किया जाता है। राहुल गांधी ने यह भी पूछा कि क्या भारत ने वास्तव में पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पूर्व सूचना दी थी? साथ ही उन्होंने भारत के गुम हुए फाइटर जेट के संदर्भ में सरकार की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े किए।

इस बयानबाज़ी पर विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त प्रतिक्रिया जारी की, जिसमें कहा गया कि विदेश मंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान को प्रारंभिक चरण में चेतावनी दी गई थी — यह ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत से संबंधित था। मंत्रालय ने आरोप लगाया कि विपक्ष द्वारा तथ्यात्मक जानकारी को “पूरी तरह से गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।”

इस बीच, नागपुर में एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा, “जब पूरा देश एकजुट है, तब विपक्ष के नेता इस तरह की बचकानी टिप्पणियां कर रहे हैं। अगर कोई देश अपने दुश्मन के एयरबेस पर हमला करता है, तो क्या वह पहले से इसकी सूचना देगा?” उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर ने पहले ही दिन स्पष्ट कर दिया था कि भारत “बदला लेगा”, जिसका अर्थ यह नहीं है कि किसी देश को पूर्व जानकारी दी जाती है। राहुल गांधी के सवालों ने एक बार फिर विदेश नीति को लेकर राष्ट्रीय बहस को तेज कर दिया है, वहीं सरकार इसे सुरक्षा रणनीति की गोपनीयता पर हमला बता रही है।

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