Protests Escalate in Dhaka: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख चौराहा जाम किया। बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और राजनीतिक बदलाव की मांग को लेकर विरोध तेज हुआ।
ढाका: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सोमवार को एक बार फिर राजनीतिक तनाव देखने को मिला, जब सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने एक प्रमुख चौराहे को अवरुद्ध कर दिया। इस नाकाबंदी के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया और आसपास के इलाकों में जनजीवन प्रभावित हुआ। प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए “क्रांतिकारी बदलाव” की मांग कर रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह से ही प्रदर्शनकारी चौराहे पर जुटने लगे, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने पड़े, जबकि कई कार्यालयों, स्कूलों और व्यावसायिक गतिविधियों में देरी की सूचना मिली। प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां उठाकर बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और लोकतांत्रिक अधिकारों पर अंकुश जैसे मुद्दों को लेकर नाराज़गी जताई।
प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है कि मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था आम जनता की समस्याओं को हल करने में विफल रही है। कुछ प्रदर्शनकारियों ने खुलकर मौजूदा ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन और नई “क्रांतिकारी” सरकार के गठन की मांग की। उनका तर्क है कि मौजूदा हालात में केवल बड़े राजनीतिक बदलाव से ही जवाबदेही और न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है।
स्थिति को संभालने के लिए सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई। पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की और प्रदर्शनकारियों से सड़कों को खाली करने की अपील की। फिलहाल किसी बड़ी हिंसा की खबर नहीं है, लेकिन माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है और प्रशासन हालात पर कड़ी नजर बनाए हुए है।
यह प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ है, जब बांग्लादेश पहले से ही राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। बीते कुछ हफ्तों में देश के विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिनमें कई बार प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच टकराव की स्थिति भी बनी है। विपक्षी दल सरकार पर असहमति दबाने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि सरकार का कहना है कि वह कानून-व्यवस्था और स्थिरता बनाए रखने के लिए कदम उठा रही है।
सरकार की ओर से शांति बनाए रखने की अपील की गई है और कहा गया है कि सड़क जाम और सार्वजनिक व्यवस्था बाधित होने से आम लोगों को परेशानी होती है। वहीं, प्रदर्शनकारी नेताओं का कहना है कि विरोध ही उनकी बात रखने का एकमात्र माध्यम बचा है।
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, ढाका के व्यस्त चौराहों पर इस तरह के प्रदर्शन प्रतीकात्मक रूप से अहम माने जाते हैं, क्योंकि इससे असंतोष का संदेश दूर तक जाता है। फिलहाल यह साफ नहीं है कि नाकाबंदी कब तक जारी रहेगी या प्रदर्शन शहर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है। बढ़ते जनाक्रोश के बीच आने वाले दिन यह तय करेंगे कि स्थिति संवाद के जरिए शांत होती है या राजनीतिक टकराव और गहराता है।
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