बीकानेर से पीएम नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया: “अब बात सिर्फ POK की होगी, ना ट्रेड, ना टॉक।”
बीकानेर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पाकिस्तान को आतंकवाद पर कड़ा संदेश देते हुए स्पष्ट किया कि भारत अब हर आतंकी हमले का निर्णायक और सशक्त जवाब देगा। राजस्थान के बीकानेर में भारत-पाक सीमा के निकट आयोजित एक जनसभा में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारा लहू ठंडा नहीं, अब उसमें गर्म सिंदूर बह रहा है – और ये गर्मी पाकिस्तान को जलाने के लिए काफी है।”
प्रधानमंत्री का यह बयान हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के बाद आया है, जिसे भारत की एक साहसिक सैन्य कार्रवाई माना जा रहा है। मोदी ने कहा कि पाकिस्तान अब भी आतंक का समर्थन कर रहा है, लेकिन भारत अब पहले जैसा नहीं रहा। उन्होंने दो टूक कहा, “पाकिस्तान को हर हमले की कीमत चुकानी होगी। उनकी सेना और अर्थव्यवस्था दोनों घुटनों पर आ जाएंगी।”
उन्होंने रहीमखान एयरबेस का ज़िक्र करते हुए बताया कि कभी पाकिस्तान की सैन्य शान माने जाने वाले इस अड्डे को भारतीय सेना ने गंभीर क्षति पहुंचाई है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान द्वारा भारत के नाल एयरबेस पर किया गया हमला विफल रहा और वह स्वयं उसी एयरबेस से सभा स्थल पर पहुंचे हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के तीन स्पष्ट संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की नई सैन्य नीति का प्रतीक बताते हुए इसके तीन मुख्य संदेश बताए:
- भारत पर आतंकी हमला हुआ, तो जवाब समय, तरीका और शर्तें – सब हमारी होंगी।
- परमाणु हथियारों की धमकियों से भारत नहीं डरता।
- आतंकवाद फैलाने वाले और उसे संरक्षण देने वाले – दोनों एक ही माने जाएंगे।
‘ना व्यापार, ना वार्ता – अब केवल पीओके की बात‘
प्रधानमंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि अब पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत या व्यापार नहीं होगा। उन्होंने कहा, “अब अगर बात होगी, तो सिर्फ पीओके की होगी। पाकिस्तान को चेतावनी है कि अगर वह आतंकियों को एक्सपोर्ट करता रहा, तो उसे पाई-पाई के लिए तरसना पड़ेगा।”
‘पानी की एक बूंद भी नहीं मिलेगी‘
जल संसाधनों पर भी सख्त रुख अपनाते हुए मोदी ने कहा कि पाकिस्तान को अब भारत के हिस्से की पानी की एक बूंद भी नहीं दी जाएगी। उन्होंने सभा में उपस्थित जनसमूह से कहा, “हमारी सेना, हमारा संकल्प और हमारी एकता ऐसी है कि हमें दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती।”
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपना रहा है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अपनी सैन्य क्षमताओं का संदेश दे रहा है।