Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आज का दिन सियासी रूप से बेहद अहम है। पीएम मोदी, राहुल गांधी, अमित शाह, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की रैलियों से माहौल गरम। एनडीए आज जारी करेगा अपना घोषणापत्र, जबकि महागठबंधन पहले ही पेश कर चुका है अपना एजेंडा।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आज का दिन राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। पहले चरण के मतदान से पहले गुरुवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ही मोर्चों पर अपनी पूरी ताकत झोंकने जा रहे हैं। राज्यभर में नेताओं की ताबड़तोड़ रैलियों, जनसभाओं और घोषणाओं से सियासी माहौल गरम हो गया है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एनडीए की ओर से बिहार में चुनावी मैदान संभालने जा रहे हैं। वे पटना और गया सहित कई जिलों में जनसभाओं को संबोधित करेंगे। मोदी की सभाओं को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और बड़ी संख्या में एनडीए समर्थकों के जुटने की संभावना है।
उधर, महागठबंधन की ओर से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आज राज्य में दो जनसभाएं करेंगे। वे सीवान और दरभंगा में महागठबंधन उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेंगे। राहुल अपने भाषणों में बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाने की तैयारी में हैं। इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एनडीए उम्मीदवारों के समर्थन में आज कई जनसभाएं करने वाले हैं। शाह की सभाएं मुख्य रूप से उत्तर बिहार के इलाकों में निर्धारित हैं, जबकि नीतीश कुमार दक्षिण और मध्य बिहार में जनसंपर्क करेंगे।
वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव भी आज कई जिलों में रैलियां करेंगे। उनके कार्यक्रमों में युवाओं और किसानों के मुद्दों पर विशेष जोर दिया जाएगा। वहीं सबकी नजरें आज एनडीए के घोषणापत्र पर भी टिकी हैं, जो पटना में जारी किया जाएगा। इस मौके पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, हम प्रमुख जीतन राम मांझी, एलजेपी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान और आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा मंच साझा करेंगे। एनडीए का घोषणापत्र रोजगार, बुनियादी ढांचे और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित होने की उम्मीद है।
महागठबंधन पहले ही अपना घोषणापत्र जारी कर चुका है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और युवाओं को रोजगार देने के वादे प्रमुख हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आज का दिन बिहार चुनावी मुकाबले की दिशा तय कर सकता है। दोनों गठबंधनों की बड़ी सभाएं और घोषणाएं मतदाताओं पर निर्णायक प्रभाव डाल सकती हैं।
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