
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2 जनवरी, 2025 को अपने संगठन के आगामी प्रदेश अध्यक्षों और राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के चुनाव के लिए चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। इन नियुक्तियों में पार्टी के सीनियर नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि आंतरिक चुनावों को सुचारू रूप से संपन्न किया जा सके।
उत्तर प्रदेश से लेकर कर्नाटक तक प्रमुख नियुक्तियां
उत्तर प्रदेश में चुनाव अधिकारी के रूप में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को नियुक्त किया गया है। बिहार में यह जिम्मेदारी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को दी गई है। मध्य प्रदेश में धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव अधिकारी बनाया गया है।
इसके अलावा, सुनील बंसल को गोवा का चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि भूपेंद्र यादव को गुजरात की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कर्नाटक में आंतरिक चुनावों का संचालन शिवराज सिंह चौहान करेंगे।
अन्य राज्यों के लिए नियुक्त अधिकारी
बीजेपी ने अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भी चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की है। इनके विवरण निम्नलिखित हैं:
- अंडमान निकोबार: तमिलिसाई सुंदरराजन
- आंध्र प्रदेश: पीसी मोहन
- अरुणाचल प्रदेश: सर्बानंद सोनोवाल
- असम: गजेंद्र सिंह शेखावत
- चंडीगढ़: सरदार नरिंदर सिंह रैना
- छत्तीसगढ़: विनोद तावड़े
- दादरा और नगर हवेली-दमन और दीव: डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल
- हरियाणा: भूपेंद्र यादव
- हिमाचल प्रदेश: डॉ. जितेंद्र सिंह
- जम्मू-कश्मीर: संजय भाटिया
- केरल: प्रह्लाद जोशी
- लद्दाख: जयराम ठाकुर
- लक्षद्वीप: पोन. राधाकृष्णन
- मेघालय: जॉर्ज कुरियन
- मिजोरम: वानति श्रीनिवासन
- नागालैंड: वी. मुरलीधरन
- ओडिशा: संजय जायसवाल
- पुदुचेरी: तरुण चुघ
- राजस्थान: विजय रूपाणी
- सिक्किम: किरण रिजिजू
- तमिलनाडु: जी. किशन रेड्डी
- तेलंगाना: कुमारी शोभा करंदलाजे
- त्रिपुरा: जुएल ओराम
संगठनात्मक प्रक्रिया और समय-सीमा
बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करने से पहले कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों में संगठनात्मक चुनाव कराना अनिवार्य है। पार्टी ने यह भी घोषणा की है कि 15 जनवरी, 2025 तक सभी राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव संपन्न कर लिया जाएगा। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि यह प्रक्रिया संगठन में लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। इससे न केवल पार्टी की जमीनी संरचना मजबूत होगी, बल्कि कार्यकर्ताओं को भी नेतृत्व का हिस्सा बनने का अवसर मिलेगा।
बीजेपी के आंतरिक चुनाव संगठनात्मक सुदृढ़ता और पार्टी की भविष्य की रणनीतियों के लिए महत्वपूर्ण हैं। केंद्रीय नेतृत्व द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए चुनाव अधिकारियों की घोषणा इस दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन चुनावों के बाद पार्टी के विभिन्न राज्यों के नेतृत्व में क्या बदलाव होते हैं और उनका राष्ट्रीय राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।