
नई दिल्ली: एनसीईआरटी की किताबों में अब आपको कहीं भी इंडिया शब्द लिखा हुआ नहीं मिलेगा। बहुत जल्द इन किताबों में इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद पैनल ने किताबों में से इंडिया नाम हटा कर भारत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पैनल ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित कर दिया है।
एनसीआरटी पैनल के अध्यक्ष प्रोफेसर सीआई आईजेक के मुताबिक अब जो किताबों का अगला सेट आने वाला है, उनमें से ही ये बदलाव अब देखने को मिलेंगे। इसको लेकर कुछ दिनों पहले प्रस्ताव समिति के सामने दिया गया था, जिसे अब जाकर स्वीकार कर लिया गया था। आपको बता दें कि इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल भारत में हाल ही में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान किया गया था। लोगों का ध्यान इस ओर तब गया था, जब देश की राष्ट्रपति की ओर से दिए गए आमंत्रण पत्र में इंडिया की जगह भारत का इस्तेमाल किया गया था।
इतना ही नहीं, शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम के साथ भी इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल किया गया था। उसके बाद से ही देश में इसको लेकर राजनीतिक बहस छिड़ गई थी और उसके बाद से ही एनसीआरटी ने भी अपनी तैयारियां शुरु कर दी थी और नाम बदलने से जुड़े प्रस्ताव को समिति के सामने भेज दिया था। इस समिति में किताबों में हिन्दू राजाओं की जीत को और अधिक महत्ता के साथ बताने की भी सिफारिश की है। साथ ही प्राचीन इतिहास की तरह शास्त्रीय इतिहास को शामिल करने की भी सिफारिश की है।
मिली जानकारी के मुताबिक इस समिति ने सुझाव दिया है कि हिन्दू राजाओं के पराजय के बारे में कम ही चर्चा की जाए। साथ ही इतिहास को अब प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में विभाजित नहीं किया जाएगा। इसके पीछे समिति ने तर्क ये दिया है कि इससे पता चलता है कि भारत एक पुराना और ब्रिटिश साम्राज्यवाद से अनजान राष्ट्र है।