No Plan to Discontinue ₹500 Notes: केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि ₹500 के नोट बंद करने की कोई योजना नहीं है। आरबीआई ने एटीएम में ₹100 और ₹200 के नोटों की उपलब्धता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सेबी, ईडी और सीबीडीटी ने निवेश धोखाधड़ी मामलों पर कड़ी कार्रवाई की है।
नई दिल्ली: भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि ₹500 के बैंकनोटों को बंद करने की कोई योजना नहीं है और एटीएम में इनकी आपूर्ति पहले की तरह जारी रहेगी। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को संसद में एक लिखित उत्तर में दी। उन्होंने कहा कि ₹100 और ₹200 के नोटों की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। राज्यसभा में पेश जवाब के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 28 अप्रैल 2025 को एक सर्कुलर जारी कर सभी बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों को निर्देश दिया है कि वे अपने एटीएम में नियमित रूप से ₹100 और ₹200 के नोट डालना सुनिश्चित करें, जिससे आम लोगों को छोटे मूल्यवर्ग की नकदी तक आसान पहुंच मिल सके।
एटीएम से छोटे नोटों की अनिवार्यता का लक्ष्य
आरबीआई की नई गाइडलाइंस के अनुसार, 30 सितंबर 2025 तक देशभर के कम से कम 75% एटीएम से ₹100 या ₹200 के नोट प्राप्त होने चाहिए। यह लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक बढ़ाकर 90% एटीएम तक कर दिया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य छोटे लेनदेन को सुविधाजनक बनाना और नकदी की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में सख्ती
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, मंत्री ने बताया कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अप्रैल 2020 से मार्च 2025 के बीच 76 मामलों की जांच की है, जिसमें ₹949.43 करोड़ की disgorgement राशि वसूली गई। Disgorgement वह कानूनी प्रक्रिया है, जिसके तहत किसी व्यक्ति या संस्था से अवैध लाभ की जब्ती की जाती है। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने पिछले पांच वर्षों में मल्टी लेवल मार्केटिंग से जुड़े 9 प्रमुख घोटालों की पहचान की है। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 1 जनवरी 2020 से 30 जुलाई 2025 के बीच मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के अंतर्गत निवेश धोखाधड़ी से जुड़े लगभग 220 मामलों की जांच शुरू की है।
क्रिप्टो एसेट्स पर नियंत्रण नहीं, लेकिन सतर्कता जारी
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि क्रिप्टो एसेट्स पर फिलहाल कोई ठोस कानूनी ढांचा मौजूद नहीं है। हालांकि, RBI-SACHET पोर्टल के माध्यम से क्रिप्टो और अन्य अनधिकृत निवेश योजनाओं के खिलाफ हजारों शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, जिन पर संबंधित एजेंसियां कार्य कर रही हैं। गौरतलब है कि भारत सरकार और आरबीआई की यह संयुक्त पहल नकदी के प्रवाह को संतुलित रखने और निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। छोटे मूल्यवर्ग के नोटों की पहुंच बढ़ाने और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने की ये नीतियां देश की आर्थिक स्थिरता के लिए आवश्यक मानी जा रही हैं।
