निशिकांत दुबे के बयान से मचा बवाल, सुप्रीम कोर्ट को बताया धार्मिक युद्ध के लिए जिम्मेदार, विपक्ष हमलावर

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) के सुप्रीम कोर्ट पर दिए गए विवादित बयान से देश में सियासी तूफान आ गया है। जानें क्या कहा दुबे ने, कोर्ट की प्रतिक्रिया क्या रही और विपक्ष ने कैसे हमला बोला।

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे के बयान से देश की सियासत में भूचाल आ गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) पर गंभीर आरोप लगाते हुए यहां तक कह दिया कि देश में धार्मिक और गृह युद्ध की स्थिति के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है।

दुबे ने कहा, “चीफ जस्टिस की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं और कानून संसद बनाती है। फिर सुप्रीम कोर्ट संसद को कैसे निर्देश दे सकता है? अगर हर चीज सुप्रीम कोर्ट तय करेगा तो संसद और विधानसभा को बंद कर देना चाहिए।” उनके इस बयान पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, “बीजेपी सुप्रीम कोर्ट के अधिकारों को काटने की कोशिश कर रही है।”

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के जज बी.आर. गवई, जो 14 मई को देश के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने वाले हैं, ने आज दो अहम मामलों की सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा, “हम पर आरोप लग रहे हैं कि हम विधायिका के अधिकार क्षेत्र में दखल दे रहे हैं।” यह बयान और अदालत की प्रतिक्रिया देश के दो प्रमुख स्तंभों – संसद और न्यायपालिका – के बीच बढ़ते तनाव की ओर इशारा कर रही है। बीजेपी ने औपचारिक रूप से दुबे के बयान से दूरी बना ली है, लेकिन विपक्ष को यह कहने का एक और मौका मिल गया है कि केंद्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।

अब बड़ा सवाल उठ रहा है — क्या सरकार और सुप्रीम कोर्ट आमने-सामने हैं? सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाना अभिव्यक्ति की आज़ादी है या अदालत की अवमानना?

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