Bihar Election 2025: एनडीए को प्रचंड बढ़त का संकेत, बीजेपी बनेगी सबसे बड़ी पार्टी, ओपिनियन पोल में महागठबंधन पीछे

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Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो गया है। दो चरणों में होने वाले इस चुनाव से पहले IANS-Matrize ओपिनियन पोल में एनडीए गठबंधन को भारी बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है। बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है, जबकि महागठबंधन पिछड़ता दिख रहा है।

नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य का सियासी तापमान तेजी से बढ़ गया है। चुनाव आयोग ने सोमवार को घोषणा की कि इस बार बिहार में दो चरणों में मतदान कराया जाएगा। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होगा, जबकि दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को वोटिंग होगी। नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इसी बीच, IANS-Matrize के ताज़ा ओपिनियन पोल ने बिहार की सियासत में नई हलचल मचा दी है। सर्वे के अनुसार, एनडीए गठबंधन एक बार फिर प्रचंड बहुमत की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है।

बीजेपी को सबसे बड़ा फायदा

पोल के मुताबिक, बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है। उसे 80 से 85 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, जनता दल यूनाइटेड (JDU) को 60 से 65 सीटें, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को 3 से 6 सीटें, लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को 4 से 6 सीटें, और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) को 1 से 2 सीटें मिलने का अनुमान है।

महागठबंधन की स्थिति

महागठबंधन की ओर देखें तो राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को 60 से 65 सीटें, कांग्रेस को 7 से 10 सीटें, CPI(ML) को 6 से 9 सीटें, CPI(M) को 0 से 1 सीट, और वीआईपी पार्टी को 2 से 4 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। इसके अलावा, AIMIM को 1 से 3 सीटें, जबकि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी, जो पहली बार चुनावी मैदान में उतर रही है, उसे 2 से 5 सीटें मिलने की संभावना है। अन्य दलों को 7 से 10 सीटें मिल सकती हैं।

पिछला चुनाव: 2020 का समीकरण

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने 125 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं। उस समय RJD को 75 सीटें, BJP को 74 सीटें, JDU को 43 सीटें, कांग्रेस को 19 सीटें, CPI(ML) को 12 सीटें, और AIMIM को 5 सीटें मिली थीं।

क्या नीतीश की साख फिर चलेगी?

अब सवाल यह है कि क्या नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए एक बार फिर सत्ता में लौटेगा, या महागठबंधन वापसी करेगा? ओपिनियन पोल के नतीजे भले ही एनडीए की भारी बढ़त दिखा रहे हों, लेकिन बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण और आखिरी पल की रणनीति अक्सर बड़ा उलटफेर कर देती है। चुनाव परिणामों के साथ ही तय होगा कि बिहार की जनता “विकास” के नाम पर वोट देगी या “परिवर्तन” के।

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