MAMI Mumbai Film Festival 2026: MAMI मुंबई फिल्म फेस्टिवल 2026 की जूरी में शामिल हुए मशहूर फिल्ममेकर श्रीराम राघवन और दिबाकर बनर्जी। जानिए फेस्टिवल, जूरी पैनल और भारतीय सिनेमा पर इसके प्रभाव से जुड़ी पूरी खबर।
मुंबई: MAMI मुंबई फिल्म फेस्टिवल 2026 भारतीय सिनेमा की कुछ सबसे प्रभावशाली और सम्मानित रचनात्मक आवाज़ों को एक मंच पर लाने के लिए तैयार है। इस प्रतिष्ठित फिल्म समारोह की जूरी में प्रख्यात फिल्म निर्माता श्रीराम राघवन और दिबाकर बनर्जी के शामिल होने की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। उनके साथ अन्य अनुभवी निर्देशक, लेखक और फिल्म उद्योग से जुड़े पेशेवर भी जूरी पैनल का हिस्सा होंगे।
श्रीराम राघवन और दिबाकर बनर्जी दोनों ही समकालीन भारतीय सिनेमा में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। श्रीराम राघवन को थ्रिलर और नियो-नोयर शैली में उनकी सशक्त कहानी कहने की कला के लिए जाना जाता है, जहां रहस्य, मनोवैज्ञानिक गहराई और मजबूत किरदार अहम भूमिका निभाते हैं। वहीं, दिबाकर बनर्जी अपने सामाजिक सरोकारों से जुड़े सिनेमा के लिए पहचाने जाते हैं, जो परंपरागत ढांचों को चुनौती देते हुए समाज की जटिल वास्तविकताओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करता है।
मामी मुंबई फिल्म फेस्टिवल लंबे समय से भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं, नई प्रतिभाओं और वैकल्पिक सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच रहा है। हर वर्ष यह महोत्सव फीचर फिल्मों, डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्मों की एक व्यापक श्रृंखला प्रस्तुत करता है, जिससे दर्शकों को विविध विषयों और सिनेमाई दृष्टिकोणों से जुड़ने का अवसर मिलता है। 2026 संस्करण में भी नवाचार, मौलिकता और कलात्मक अखंडता पर विशेष ज़ोर दिए जाने की उम्मीद है।
आयोजकों के अनुसार, 2026 की जूरी का गठन बेहद सोच-समझकर किया गया है ताकि फिल्म निर्माण के विभिन्न दृष्टिकोणों और शैलियों का संतुलित प्रतिनिधित्व हो सके। राघवन और बनर्जी के अलावा, जूरी में शामिल अन्य सदस्य अलग-अलग सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों और फिल्म विधाओं से आते हैं, जिससे प्रतियोगिता में शामिल फिल्मों का निष्पक्ष और गहन मूल्यांकन संभव हो सकेगा।
भाग लेने वाले फिल्म निर्माताओं के लिए यह अवसर खास महत्व रखता है, क्योंकि उनके काम का मूल्यांकन ऐसे अनुभवी और प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों द्वारा किया जाएगा। कई उभरते निर्देशक मामी को अपने करियर की शुरुआत का एक मजबूत मंच मानते हैं, जहां से उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलती है। जूरी से मिलने वाली प्रतिक्रिया और सराहना भविष्य की रचनात्मक दिशा तय करने में भी सहायक होती है।
फिल्म स्क्रीनिंग के साथ-साथ मामी मुंबई फिल्म फेस्टिवल पैनल चर्चाओं, कार्यशालाओं और इंटरैक्टिव सत्रों के लिए भी जाना जाता है। इन आयोजनों में जूरी सदस्य और फिल्म निर्माता कहानी कहने, फिल्म निर्माण और बदलते सिनेमाई परिदृश्य पर अपने अनुभव साझा करते हैं। श्रीराम राघवन और दिबाकर बनर्जी की मौजूदगी से ऐसे संवाद और भी विचारोत्तेजक होने की उम्मीद है।
जैसे-जैसे MAMI मुंबई फिल्म फेस्टिवल 2026 नज़दीक आ रहा है, जूरी की इस घोषणा ने फिल्म जगत में उत्साह बढ़ा दिया है। प्रतिष्ठित फिल्म निर्माताओं की भागीदारी एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि मामी भारतीय सिनेमा में रचनात्मक उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने और एक जीवंत फिल्म संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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