AI फ्लाइट AI-171 हादसे में बड़ा खुलासा, इंजन फेलियर के पीछे इलेक्ट्रिकल सिस्टम की गड़बड़ी

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Air India Flight AI-171 Crash: अहमदाबाद में एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 हादसे की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। प्रारंभिक रिपोर्ट में इलेक्ट्रिकल सिस्टम की विफलता को प्रमुख कारण माना गया है, जिससे दोनों इंजन उड़ान के 3 सेकंड बाद ही बंद हो गए।

अहमदाबाद: 12 जून को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरते ही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 महज 26 सेकंड में दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 240 से अधिक लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के पीछे का कारण अब धीरे-धीरे स्पष्ट होता जा रहा है। भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जो इलेक्ट्रिकल सिस्टम की गंभीर गड़बड़ी की ओर इशारा करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान भरने के ठीक तीन सेकंड बाद ही दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच अपने आप “कटऑफ” मोड में चले गए, जिससे दोनों इंजन बंद हो गए। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दर्ज संवाद से पता चला है कि पायलट खुद यह समझ नहीं पा रहे थे कि ईंधन की आपूर्ति क्यों रुकी। एक पायलट की आवाज रिकॉर्ड हुई—“तुमने फ्यूल क्यों काटा?”, और दूसरे ने जवाब दिया—“मैंने नहीं किया।”

हादसे की जांच में यह भी सामने आया है कि विमान के पिछले हिस्से में सीमित इलेक्ट्रिकल आग के निशान मिले हैं। इससे संदेह गहरा हुआ है कि इंजन कंट्रोल यूनिट (ECU) को गलत डेटा मिला होगा, जिससे ईंधन आपूर्ति बाधित हुई। रियर ब्लैक बॉक्स क्षतिग्रस्त मिला है, लेकिन फ्रंट ब्लैक बॉक्स से महत्वपूर्ण डेटा मिल सका है। दिल्ली से अहमदाबाद आने वाली पिछली उड़ान AI-423 में “Stabilizer Position Transducer” की खराबी की शिकायत दर्ज हुई थी, जिसे अहमदाबाद में मेंटेनेंस टीम ने ठीक बताया था। अब जांच में यह भी देखा जा रहा है कि कहीं यह सेंसर व्यापक इलेक्ट्रिकल सिस्टम की विफलता से तो नहीं जुड़ा था।

हादसे के वक्त विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल मेस भवन पर गिरा था। सौभाग्य से विमान का पिछला हिस्सा अपेक्षाकृत सुरक्षित बचा, जिससे APU, ट्रांसड्यूसर्स और अन्य उपकरणों को जांच के लिए बरामद किया जा सका। इसके अलावा, रैम एयर टरबाइन (RAT) ने आपातकालीन स्थिति में बिजली आपूर्ति की कोशिश की, लेकिन ऊंचाई बहुत कम होने के कारण पायलट सुरक्षित लैंडिंग नहीं करा सके। हादसे में जीवित बचा एकमात्र यात्री विश्वास कुमार रमेश ने बताया कि उड़ान के दौरान केबिन की रोशनी टिमटिमा रही थी और एक तेज धमाका हुआ, जिसके तुरंत बाद विमान नीचे गिरा। इस बयान ने इलेक्ट्रिकल विफलता के सिद्धांत को और भी पुख्ता किया।

फिलहाल, बोइंग, जनरल इलेक्ट्रिक, अमेरिकी NTSB और ब्रिटेन की CAA समेत कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां इस जांच में सहयोग कर रही हैं। प्रारंभिक रिपोर्टों में किसी प्रकार की आतंकवादी साजिश की संभावना को खारिज किया गया है, क्योंकि मलबे में विस्फोटक के कोई अवशेष नहीं मिले हैं। हादसे के बाद एयर इंडिया ने अपने सभी 787 ड्रीमलाइनर विमानों की तकनीकी जांच करवाई और उसके बाद 26 विमानों को पुन: उड़ान की मंजूरी दी गई है। हालांकि, यह घटना विमानन सुरक्षा के लिहाज से गंभीर चिंता का विषय बन गई है और इससे जुड़े इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स की जांच अब और गहराई से की जा रही है।

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