
प्रयागराज: पवित्र त्रिवेणी संगम स्थल आज से कुंभ मेले के शुभारंभ के साथ श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए पूरी तरह सज्जित है। संगम पर बने तंबुओं के विस्तृत शहर में अगले कुछ दिनों में इतनी भीड़ उमड़ेगी कि इसकी आबादी दुनिया के कई बड़े देशों को पीछे छोड़ देगी। लाखों श्रद्धालु आस्था के इस महापर्व में डुबकी लगाने के लिए संगम तट पर पहुंच चुके हैं। चारों ओर भक्तों के “हर हर गंगे” के जयघोष गूंज रहे हैं। संगम की ओर नज़र डालें तो एक तरफ नौकाओं की लंबी कतारें दिखाई देती हैं और दूसरी ओर तंबुओं का अनंत संसार बसा हुआ है। सुरक्षा के मद्देनज़र हर कोने पर पुलिस और सुरक्षाबलों की तैनाती सुनिश्चित की गई है।
सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण परीक्षा
यह कुंभ मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं है बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार के प्रशासनिक कौशल और प्रबंधन क्षमता का भी एक महत्वपूर्ण परीक्षण है। महाशिवरात्रि के दिन 26 फरवरी को समाप्त होने वाले इस मेले में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है। सरकार द्वारा कई महीनों से चल रही तैयारियों को अब अपनी परीक्षा देनी होगी। साफ-सफाई, यातायात प्रबंधन, पेयजल, चिकित्सा सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। संगम क्षेत्र में बनाए गए तंबुओं के इस विशाल नगर में आधुनिक सुविधाओं से युक्त व्यवस्था की गई है।

सुरक्षा और सुविधाएं
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ड्रोन कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही है और हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है। चिकित्सा सेवाओं के लिए विशेष कैंप स्थापित किए गए हैं, जहां 24 घंटे चिकित्सकों की टीम तैनात है। कुंभ मेले के लिए ट्रैफिक प्रबंधन भी एक बड़ी चुनौती है। भारी भीड़ को नियंत्रित करने और यातायात को सुचारु बनाए रखने के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष बस सेवा भी शुरू की गई है।
श्रद्धा का महासंगम
कुंभ मेले की महत्ता केवल भारत तक सीमित नहीं है बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। विदेशी पर्यटकों के लिए विशेष मार्गदर्शन केंद्र बनाए गए हैं ताकि वे इस महापर्व का हिस्सा बन सकें। प्रयागराज में आज से आरंभ हुए इस कुंभ मेले में आस्था, संस्कृति और परंपरा का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की है कि हर श्रद्धालु को एक सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव प्राप्त हो। जैसे-जैसे कुंभ आगे बढ़ेगा, यह प्रशासनिक क्षमता और आस्था के इस महामिलन का साक्षी बनेगा।