
Israel launched a major attack on Iran
इसराइल (Israel)ने ईरान (Iran) के नतांज़ स्थित परमाणु संयंत्र समेत कई सैन्य ठिकानों पर हमला किया। इस कार्रवाई में रिवॉल्यूशनरी गार्ड प्रमुख हुसैन सलामी और दो वरिष्ठ वैज्ञानिकों की मौत हुई। ईरान में विस्फोटों के बाद भारत ने अपने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
तेहरान/तेल अवीव: पश्चिम एशिया में तनाव एक बार फिर अपने चरम पर पहुंच गया है। इसराइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम और सैन्य ठिकानों पर बड़ा हमला किया है, जिसकी पुष्टि खुद इसराइल के रक्षा मंत्री इसराइल कात्ज़ ने की है। इस हमले के बाद दोनों देशों में गंभीर सुरक्षा हालात बन गए हैं और पूरे क्षेत्र में संकट गहराता जा रहा है। इसराइली सैन्य सूत्रों के अनुसार, यह हमला “ईरान के परमाणु संवर्धन केंद्रों और सैन्य प्रतिष्ठानों” पर केंद्रित था। हमले का मुख्य निशाना था ईरान का नतांज़ स्थित परमाणु संयंत्र, जो तेहरान से लगभग 225 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। यह वही केंद्र है जहां 2021 में एक साइबर हमला हुआ था, जिसके लिए ईरान ने इसराइल को जिम्मेदार ठहराया था।
इस हमले के बाद इसराइल में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। रक्षा मंत्री कात्ज़ ने चेतावनी दी कि ईरान की ओर से मिसाइल या ड्रोन हमले की आशंका बनी हुई है, इसलिए कई सार्वजनिक गतिविधियों, शैक्षणिक संस्थानों और कार्यस्थलों को बंद कर दिया गया है। इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में कहा, “ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाएं इसराइल के अस्तित्व के लिए सीधा खतरा हैं। अगर इसे अभी नहीं रोका गया, तो आने वाले महीनों में ईरान परमाणु हथियार हासिल कर सकता है।”
उन्होंने कहा कि यह सैन्य अभियान — ऑपरेशन राइजिंग लॉयन — ईरानी परमाणु खतरे को खत्म करने के लिए आरंभ किया गया है और यह तब तक चलेगा जब तक आवश्यक हो। इस हमले में ईरान रिवॉल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख हुसैन सलामी, परमाणु ऊर्जा संगठन के पूर्व प्रमुख फिरेदून अब्बासी, और इस्लामिक आज़ाद विश्वविद्यालय के अध्यक्ष मोहम्मद मेहदी तेहरानची की मौत हो गई है। ईरानी मीडिया ने इन मौतों की पुष्टि की है। 2010 में फिरेदून अब्बासी पर पहले भी हत्या का प्रयास हो चुका था। इस हमले के बाद तेहरान के उत्तर-पूर्वी हिस्सों में जोरदार विस्फोटों की आवाज़ें सुनी गईं। बीबीसी और अन्य अंतरराष्ट्रीय संवाददाताओं ने स्थानीय लोगों से इन विस्फोटों की पुष्टि की है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भारत की सलाह
अमेरिका ने कहा है कि वह इस हमले में शामिल नहीं है, लेकिन उसे पहले से हमले की जानकारी थी। अमेरिकी अधिकारियों ने संभावित जवाबी हमले के डर से कुछ इलाकों से अपने नागरिकों को पहले ही हटा लिया था। ईरान और इसराइल दोनों में स्थित भारतीय दूतावासों ने वहां रह रहे भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। तेहरान और तेल अवीव में दूतावासों ने अपने-अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट्स के ज़रिए एडवाइज़री जारी की है, जिसमें कहा गया है कि सभी भारतीय नागरिक अनावश्यक यात्रा से बचें, स्थानीय अधिकारियों की सलाह का पालन करें, और सुरक्षा शेल्टरों के पास रहें।
आगे की स्थिति पर नजर
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान इस हमले का कब और कैसे जवाब देगा, लेकिन क्षेत्र में तनाव चरम पर है। विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला एक संभावित बड़े संघर्ष की शुरुआत हो सकता है, जो पूरे मध्य पूर्व को अपनी चपेट में ले सकता है। गौरतलब है कि इसराइल और ईरान के बीच यह ताज़ा टकराव न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है। यदि स्थिति नियंत्रण से बाहर गई तो इसके परिणाम वैश्विक शांति और सुरक्षा पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।