
Amit Shah
पहलगाम हमले (Pahalgam Attack) के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी राज्यों को पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर सूची भेजने का निर्देश दिया है। वीजा रद्द, सिंधु जल समझौता निलंबित और अटारी-वाघा सीमा बंद जैसे बड़े फैसले लिए गए हैं।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के प्रति रुख और सख्त कर लिया है। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों से बात कर उन्हें निर्देश दिया कि वे अपने-अपने राज्यों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की तत्काल पहचान करें और उनकी सूची केंद्र को भेजें। यह कदम देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आतंकवाद पर कड़ा संदेश देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों से स्पष्ट रूप से कहा है कि सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा 27 अप्रैल 2025 से रद्द कर दिए जाएंगे, जबकि मेडिकल वीजा को 29 अप्रैल तक वैध रखा गया है। उन्होंने यह भी अपील की कि इस प्रक्रिया में कोई देरी न हो और राज्यों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए।
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसारन इलाके में हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय पर्यटकों और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी। इस हमले को 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक बताया जा रहा है। भारत ने इसके लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराते हुए राजनयिक और सुरक्षा स्तर पर कई कड़े फैसले लिए हैं। सरकार ने 1960 के सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया है, अटारी-वाघा सीमा चौकी को बंद कर दिया गया है और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों को नई दिल्ली से निष्कासित किया गया है। इसके अलावा, भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या भी घटा दी है।
इस घटनाक्रम के जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है और भारत के साथ सभी व्यापारिक गतिविधियों को रोकने की घोषणा की है। पाकिस्तान ने भारत के सिंधु जल समझौते को निलंबित करने को “युद्ध की कार्रवाई” बताया है। भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी और पाकिस्तान को आतंकवाद के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।