
नई दिल्ली: शतरंज में भारत का विश्व विजेता बनने का सपना अधूरा रह गया। भारतीय गैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा को दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन से हार का सामना करना पड़ा और उन्हें रनर अप ट्रॉफी से संतोष करना पड़ा। गुरुवार को पिडे वर्ल्ड कप शतरंज का फाइनल मुकाबला खेला गया, जिसमें भारत के 18 साल के ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा को मैग्नल कार्लसन ने पहले ट्राईबेकर में हराकर खिताब अपने नाम कर लिया।
प्रज्ञानानंद ने दवाब में आकर गंवाए अंक
शुरु से ही उतार-चढ़ाव के साथ खेले गए इस मुकाबले में प्रज्ञानानंद ने दवाब में आकर अपने अंक गंवाते चले गए। कार्लसन ने 45 चालों में अपना पहला गेम जीत लिया। हालांकि प्रज्ञानानंद ने अपने से अधिर अनुभवी और बेहतर रैंकिंग वाले खिलाड़ी के खिलाफ काफी अच्छे प्रदर्शन किए। प्रज्ञानानंद ने पहले राउंड में अपने विरोधी खिलाड़ी को 35 चाल के बाद ड्रॉ के लिए राजी किया था तो वही दूसरी पारी बराबरी पर खत्म हुई थी।