भारत में शादियों का सीजन आते ही हर तरफ चकाचौंध का माहौल बन जाता है। संगीत से लेकर विदाई तक, हर रस्म में न केवल रीति-रिवाज बल्कि नई तकनीकों और ट्रेंड्स का भी मेल दिखाई देता है। भारतीय वेडिंग इंडस्ट्री का आकार 2024 में 10 लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर चुका है और इसके आगे बढ़ने की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही।
नई पीढ़ी के नए रंग
नई पीढ़ी अपनी शादियों में नए-नए आयाम जोड़ रही है। थीम-बेस्ड शादियों का चलन बढ़ा है, जहां डेस्टिनेशन वेडिंग्स, अंडरवाटर फेरे, और 3D मैपिंग वाली मेहंदी सेरेमनी आम हो चली है। अब दूल्हा-दुल्हन केवल अपने रिश्तेदारों के लिए ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया के लिए भी अपने खास पलों को कैमरे में कैद करते हैं।
सोशल मीडिया का बढ़ता प्रभाव
इंस्टाग्राम, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने शादियों का स्वरूप ही बदल दिया है। कपल्स अब प्रोफेशनल वेडिंग फोटोग्राफर्स और वीडियोग्राफर्स को हायर करते हैं, जो शादी के हर पल को सिनेमैटिक अंदाज़ में शूट करते हैं। ड्रोन शॉट्स, स्लो मोशन वीडियो और रील्स का चलन हर जगह दिखाई देता है।
वेडिंग प्लानिंग में स्टार्टअप्स का दबदबा
शादी-ब्याह के इस बड़े बाज़ार में कई नए स्टार्टअप्स ने अपनी जगह बनाई है। डेकोर, केटरिंग, मेकअप, वेडिंग कोऑर्डिनेशन जैसी सेवाओं में नई कंपनियां उभर कर सामने आ रही हैं। कुछ कंपनियां तो पूरी शादी की थीम डिज़ाइन करने से लेकर गेस्ट्स की सुविधा तक का पूरा ध्यान रखती हैं।
लग्जरी का नया स्तर
पहले जहां शादियों में पारंपरिक रीति-रिवाजों पर ज्यादा ध्यान दिया जाता था, अब वे लग्जरी और कस्टमाइजेशन का रूप ले चुकी हैं। बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ की शादियों के ट्रेंड्स को फॉलो करना अब आम बात हो गई है। हाई-एंड डेस्टिनेशंस, इंटरनेशनल डिजाइनर्स के कपड़े और बॉलीवुड कोरियोग्राफर्स के साथ डांस परफॉरमेंस का भी चलन बढ़ा है।
भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले सालों में भारतीय वेडिंग इंडस्ट्री में और तेज़ी से विकास होगा। इवेंट टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और पर्सनलाइजेशन के साथ-साथ ग्रीन वेडिंग्स (पर्यावरण के अनुकूल शादियां) का ट्रेंड भी देखने को मिलेगा। कुल मिलाकर, भारतीय वेडिंग इंडस्ट्री न केवल एक बड़े आर्थिक क्षेत्र के रूप में उभरी है, बल्कि इसमें पारिवारिक और सांस्कृतिक मूल्यों का आधुनिक रूप में स्वागत भी किया जा रहा है।