अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय-अमेरिकी वोटर्स बने ‘किंगमेकर’: बढ़ती पकड़, बढ़ता दबदबा

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अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनावों में भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं का प्रभाव निर्णायक साबित हो सकता है। अमेरिका की राजनीति में भारतीय-अमेरिकी समुदाय तेजी से एक महत्वपूर्ण शक्ति बनकर उभर रहा है, जो राजनीतिक दलों के लिए एक अहम वोट बैंक बन गया है। हाल के वर्षों में, भारतीय समुदाय की जनसंख्या, आर्थिक और शैक्षिक शक्ति में वृद्धि हुई है, जिससे यह समुदाय अमेरिकी राजनीति के केंद्र में आ गया है। इस चुनावी दौर में भारतीय मतदाताओं की बढ़ती अहमियत को देखते हुए दोनों प्रमुख दल – डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी – इस समुदाय को लुभाने के लिए नए-नए प्रयास कर रहे हैं।

भारतीय-अमेरिकी समुदाय की बढ़ती संख्या और प्रभाव

अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। वर्तमान में अमेरिका में लगभग 45 लाख भारतीय-अमेरिकी नागरिक हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में योग्य मतदाता हैं। खासकर न्यू जर्सी, टेक्सास, कैलिफ़ोर्निया, इलिनोइस, और जॉर्जिया जैसे राज्यों में इनकी बड़ी तादाद है, जहां चुनावी परिणाम पर उनका असर सीधा पड़ सकता है। 2020 के चुनावों में भी भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं का प्रभाव देखा गया था, और 2024 में यह और अधिक महत्वपूर्ण हो सकता है। इनकी राजनीतिक भागीदारी के साथ-साथ, भारतीय-अमेरिकी समुदाय का आर्थिक योगदान और पेशेवर सफलता भी उन्हें एक प्रमुख वर्ग के रूप में स्थापित कर रही है।

भारतीय मतदाताओं की प्राथमिकताएँ

भारतीय-अमेरिकी समुदाय की प्राथमिकताएँ अमेरिका के अन्य मतदाताओं से भिन्न हो सकती हैं। इनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, अर्थव्यवस्था और इमिग्रेशन जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। इसके अलावा, विदेश नीति, विशेषकर भारत-अमेरिका संबंधों पर इनका ध्यान रहता है। भारतीय मतदाता एक ऐसा नेतृत्व चाहते हैं, जो भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखे और अमेरिका में उनके हितों की रक्षा करे।

इसके अलावा, H1-B वीज़ा और ग्रीन कार्ड से जुड़े मुद्दे भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए विशेष महत्व रखते हैं, क्योंकि इनमें बड़ी संख्या में लोग आईटी और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में कार्यरत हैं। इस वजह से, दोनों राजनीतिक दलों के लिए भारतीय-अमेरिकी समुदाय के मुद्दों पर ध्यान देना अनिवार्य हो गया है।

डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दलों का रुख

भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं का समर्थन प्राप्त करने के लिए दोनों प्रमुख दल कड़ी मेहनत कर रहे हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी, जो परंपरागत रूप से भारतीय-अमेरिकियों के बीच लोकप्रिय रही है, इस बार भी उन्हें लुभाने के लिए विभिन्न स्तरों पर काम कर रही है। हाल ही में डेमोक्रेटिक पार्टी ने विभिन्न भारतीय सांस्कृतिक समारोहों और त्योहारों में हिस्सा लिया है, ताकि भारतीय समुदाय से जुड़ाव बढ़ाया जा सके। राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने के साथ-साथ भारतीय-अमेरिकियों के मुद्दों को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है।

वहीं, रिपब्लिकन पार्टी भी इस समुदाय के साथ अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में भारत के साथ संबंधों में काफी सुधार हुआ था, जिससे रिपब्लिकन पार्टी ने भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं के एक वर्ग का विश्वास जीता। रिपब्लिकन पार्टी भारत-अमेरिका संबंधों को एक प्रमुख मुद्दा बना रही है और भारतीय-अमेरिकी समुदाय की उद्यमिता और करियर उन्नति को समर्थन देने पर जोर दे रही है।

चुनाव प्रचार में भारतीय मतदाताओं के लिए विशेष अभियान

इस चुनाव में भारतीय-अमेरिकी समुदाय को ध्यान में रखकर विशेष प्रचार अभियानों की शुरुआत की जा रही है। डिजिटल माध्यमों से लेकर सोशल मीडिया पर दोनों दलों ने भारतीय भाषाओं में प्रचार करना शुरू कर दिया है। साथ ही, कई भारतीय-अमेरिकी नेताओं और समुदाय के प्रमुख हस्तियों को राजनीतिक दलों में अहम भूमिका दी जा रही है। विभिन्न भारतीय त्योहारों जैसे दिवाली और गणेश उत्सव पर भी पार्टियों ने विशेष आयोजन किए, जिससे भारतीय समुदाय के बीच जुड़ाव बढ़ सके।

भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवारों का उदय

भारतीय-अमेरिकी समुदाय का दबदबा इस बात से भी स्पष्ट होता है कि कई भारतीय-अमेरिकी नेता इस बार विभिन्न पदों के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें कांग्रेस में पहले से मौजूद कई प्रतिनिधि और कुछ नए चेहरे भी शामिल हैं। कमला हैरिस, जो वर्तमान में उप-राष्ट्रपति हैं, भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए एक प्रेरणा हैं और इस बार भी उनके समर्थन से डेमोक्रेटिक पार्टी को फायदा हो सकता है। इसके अलावा, कई अन्य भारतीय-अमेरिकी नेता भी अमेरिकी राजनीति में अपना स्थान बनाने में सफल हो रहे हैं, जो इस समुदाय के महत्व को और भी बढ़ाते हैं।

भारतीय-अमेरिकी समुदाय अब सिर्फ एक दर्शक नहीं रहा, बल्कि वह अमेरिकी राजनीति में एक निर्णायक शक्ति बनकर उभर रहा है। इस समुदाय की प्राथमिकताएँ और मुद्दे आगामी चुनावों में अहम भूमिका निभा सकते हैं, और राजनीतिक दलों के लिए इनकी आवाज को सुनना अब मजबूरी बन चुकी है। आने वाले समय में, भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं का यह प्रभाव अमेरिका में समुदाय आधारित राजनीति को नया आयाम देने में सहायक साबित हो सकता है।

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