
नई दिल्ली: 13 जून से डटली के पुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन की शुरुआत हो गई है और शिखर सम्मेलन 15 जून तक चलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंचे हैं। लेकिन आपको जानकर ये आश्चर्य होगा कि जिस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इटली गए हैं, भारत उस जी-7 राष्ट्रों का हिस्सा है ही नहीं। लेकिन बावजूद उसके जब प्रधानमंत्री इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे तो उनका पूरे गर्म जोशी के साथ स्वागत किया गया।
क्या है जी-7?
जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि जी-7 सात राष्ट्रों का समूह है, जिसका हिस्सा भारत नहीं हैं। इस समूह में अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन शामिल है। ग्रुप ऑफ सेवन, दुनिया की सात अत्याधुनिक अर्थव्यवस्थाओं का एक गुट है, जिसका ग्लोबल ट्रेड और इन्टरनेशनल फाइनेंशियल सिस्टम पर दबदबा रहता है। आपको बता दें कि पहले ये जी-8 ग्रुप हुआ करता था। 1998 में इस ग्रुप में रुस को भी शामिल किया गया था, लेकिन 2014 में रुस ने जब क्राइमिया पर कब्जा कर लिया था, तो इसे इस ग्रुप से निकाल दिया गया था।


भारत हिस्सा ना होते हुए भी क्यों भेजा जाता है न्योता?
आश्चर्य वाली बात है कि भारत जी-7 समूह का हिस्सा नहीं है लेकिन उसे हर बार न्योता भेजा जाता है और देश के प्रधानमंत्री इसमें हिस्सा भी लेते रहे हैं। भारत को न्योता कई कारणों से भेजा जाता है। इसका एक सबसे बड़ा कारण ये है कि 2.66 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ भारत की अर्थव्यवस्था इस समूह के तीन देशों इटली, फ्रांस और कनाडा से कहीं ज्यादा है। वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकड़ों के मुताबिक भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
खास बात तो ये भी है कि भारत की आर्थिक बढ़ोतरी वेस्टर्न देशों से बिल्कुल अलग है। जहां अधिकांश देशों में विकास की संभावनाएं स्थिर हैं तो वहीं भारत में से संभावनाएं काफी ज्यादा हैं। इसके अलावा भारत अपने बाजार क्षमता, कारोबार सुधार, कम लागत और आदर्श औद्योगिक माहौल होने के कारण ये निवेशकों की पसंदीदा जगह है। इतना ही नहीं, भारत की 68 फीसदी आबादी कामकाजी है, जिसमें 35 फीसदी आबादी 35 साल से कम की है। यहां युवा, स्किल्ड और सेमी-स्किल्ड लोगों की तादाद कही ज्यादा है।
भारत को कब कब न्योता मिला?
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि भारत को इस जी-7 समूह के शिखर सम्मेलन के लिए न्योता मिला हो। 2019 से लेकर अबतक लगातार भारत को इस सम्मेलन में हिस्सा लेने का न्योता मिल रहा है। पिछले साल जापान के हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन हुआ था, जिसमें प्रधानमंत्री ने हिस्सा लिया था। इससे पहले 2020 में भी अमेरिका में होने वाले शिखर सम्मेलन में भारत को न्योता भेजा गया था, लेकिन कोविड के कारण सम्मेलन रद्द कर दिया गया था। 2019 में भी भारत को आमंत्रित किया गया था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसमें हिस्सा लिया था।