NEWS UPDATE
भारत ने कनाडा में भारतीय राजनयिकों पर निगरानी का लगाया आरोप, भारत-कनाडा संबंधों में पनपा नया तनाव

नई दिल्ली/ओटावा: भारत (India) सरकार ने कनाडा (Canada) पर अपने राजनयिकों की ऑडियो और वीडियो निगरानी का गंभीर आरोप लगाया है। विदेश मंत्रालय के राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने संसद में बताया कि वैंकूवर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को खुद कनाडा के अधिकारियों ने इस निगरानी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह निगरानी भारतीय अधिकारियों की ‘निजी बातचीत’ तक पहुंचने का प्रयास है, जो अभी भी जारी है। भारत ने इसे कूटनीतिक मानदंडों का उल्लंघन बताते हुए नई दिल्ली में कनाडा के उच्चायोग के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

भारत-कनाडा तनाव की पृष्ठभूमि

कनाडा के सेंटर फॉर साइबर सिक्योरिटी ने अक्टूबर 2024 में अपनी एक रिपोर्ट में भारत को कनाडा के लिए साइबर खतरा बताया था। इस पर भी भारत ने कड़ा विरोध जताया और इसे कनाडा के “भारत के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण का उदाहरण” बताया। राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने यह भी कहा कि कनाडा सरकार भारतीय राजनयिकों और उनके परिसरों की सुरक्षा तो दे रही है, लेकिन कांसुलर शिविरों को सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है। इन शिविरों में भारतीय अधिकारी वीजा और पासपोर्ट सेवाएं प्रदान करते हैं। सुरक्षा की कमी के कारण इन सेवाओं को बंद करना पड़ा है।

ब्रैम्पटन हिंसा और खालिस्तानी गतिविधियां

कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों ने हाल ही में भारत-कनाडा संबंधों को और बिगाड़ दिया है। 2 नवंबर को ब्रैम्पटन स्थित एक हिंदू मंदिर में भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान खालिस्तान समर्थक घुस आए और हिंसा की स्थिति पैदा हो गई। इस घटना के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इसे “अस्वीकार्य” करार दिया और शांति की अपील की। हालांकि, अगले ही दिन ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान समर्थकों ने एक रैली निकाली, जिससे तनाव और बढ़ गया। इन घटनाओं के चलते टोरंटो स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कई कांसुलर शिविरों को रद्द करने की घोषणा कर दी।

हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और बढ़ता विरोध

कनाडा में खालिस्तान समर्थक, हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से, भारत के राजनयिकों के प्रति असंतोष बढ़ गया है। निज्जर, जो ब्रिटिश कोलंबिया के एक गुरुद्वारा समिति के अध्यक्ष थे, उनकी हत्या के लिए भारतीय एजेंसियों पर आरोप लगाए गए हैं। उनके समर्थकों ने टोरंटो और वैंकूवर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावासों को बंद करने की मांग की है।

अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक प्रभाव

भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद द्विपक्षीय व्यापार, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा सहयोग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। भारत ने कनाडा से कूटनीतिक मानदंडों और सुरक्षा को सुनिश्चित करने की मांग की है। दोनों देशों के बीच इस तनाव को कम करने के लिए संवाद और आपसी सम्मान को प्राथमिकता देना अनिवार्य है। कनाडा में भारतीय राजनयिकों की निगरानी और सुरक्षा से संबंधित मुद्दे, भारत-कनाडा संबंधों में तनाव का प्रमुख कारण बन गए हैं। दोनों देशों के लिए यह आवश्यक है कि वे इस संकट का समाधान जल्द से जल्द निकालें ताकि उनके आपसी संबंध और वैश्विक साझेदारी बनी रह सके।

Loading

Leave comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *.

Advertisement