
वाशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका ने अवैध रूप से रह रहे भारतीय प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। अमेरिकी सेना का एक सी-17 विमान अवैध भारतीय अप्रवासियों को लेकर भारत के लिए रवाना हो चुका है। इससे पहले, अमेरिका मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिकी देशों के अवैध अप्रवासियों को निर्वासित कर रहा था, लेकिन अब भारतीय नागरिकों पर भी यह कार्रवाई लागू की जा रही है।
18 हजार अवैध भारतीयों की पहचान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका में करीब 18,000 अवैध भारतीय प्रवासियों की पहचान की गई है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के अनुसार, जल्द ही एल पासो (टेक्सास) और सैन डिएगो (कैलिफोर्निया) से करीब 5,000 अवैध अप्रवासियों को वापस भेजने के लिए सैन्य विमान रवाना किए जाएंगे।
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद अवैध अप्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की घोषणा की थी। उन्होंने अमेरिका में रह रहे करीब 1.1 करोड़ अवैध अप्रवासियों को देश से बाहर निकालने का संकल्प लिया है। पिछले सप्ताह ही अमेरिकी सेना ने लैटिन अमेरिकी देशों में छह उड़ानें भरी थीं, जिनमें अवैध अप्रवासियों को उनके देशों में वापस भेजा गया।
सेना के विमानों का हो रहा इस्तेमाल
ट्रंप प्रशासन अवैध अप्रवासियों को निष्कासित करने के लिए अमेरिकी सेना का व्यापक रूप से उपयोग कर रहा है। मेक्सिको सीमा पर सैनिकों की तैनाती के साथ ही अवैध अप्रवासियों को रखने के लिए सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल किया जा रहा है। निर्वासन के लिए सेना के विमानों का उपयोग हो रहा है, हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रक्रिया नागरिक विमानों की तुलना में अधिक खर्चीली है। इसके अलावा, ट्रंप ने कनाडा, मेक्सिको और चीन पर टैरिफ लगा दिया है और यूरोप पर भी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। माना जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा उठाए गए ये कड़े कदम आगामी चुनावों के मद्देनजर लिए गए हैं।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार अवैध अप्रवासियों से जुड़े मामलों पर अमेरिकी प्रशासन के साथ संपर्क में है। सूत्रों के अनुसार, जिन लोगों को निर्वासित किया जा रहा है, उनमें अधिकतर वे भारतीय नागरिक हैं जो टूरिस्ट वीजा या स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका गए थे लेकिन फिर अवैध रूप से वहां रह रहे थे। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में अमेरिका और भारत के बीच इस मुद्दे पर राजनयिक बातचीत किस दिशा में आगे बढ़ती है।