
नई दिल्ली: 2 अक्तूबर को बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी किए। इस आंकड़े के मुताबिक बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ है, जिसमें 36.01 फीसदी आबादी अत्यंत पिछड़ा वर्ग का है तो वही 27.12 फीसदी अति पिछड़ा वर्ग की आबादी है। अनुसूचित जाति 19.65 फीसदी है तो वहीं अनुसूचित जाति की आबादी 1.68 फीसदी है। जब से ये सर्वे रिपोर्ट सामने आई है तब से सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है। वहीं एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया।
जातिगत जनगणना की सर्वे के आंकड़े तो आ गए, लेकिन अब सवाल ये उठने लगा है कि इसका असर आने वाले लोकसभा चुनाव में कितना असर पड़ेगा? इसको लेकर एक और सर्वे किया गया जो इंडिया टीवी – सीएनएक्स के सौजन्य से किया गया है। इस ताजा सर्वे में जो नतीजे आए हैं, वो वाकई चौंकाने वाले हैं। आपको बता दें कि 12 राज्यों की 48 लोकसभा सीटों पर सर्वे किया गया। आइए जानते हैं कि इस सर्वे में किन किन सवालों का जवाब मिला?
देश की पहली पसंद हैं प्रधानमंत्री मोदी
इस ताजा सर्वे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की जनता की पहली पसंद हैं जबकि राहुल गांधी को लेकर जो आंकड़े आए हैं वो चौंकाने वाले हैं। ताजा सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 70 फीसदी अगड़ी जाति के लोग चाहते हैं कि प्रधानंमत्री मोदी ही इस देश के प्रधानंमत्री बने, जबकि मात्र 12 फीसदी अगड़ी जाति के लोग चाहते हैं कि राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री बने। वहीं अरविंद केजरीवाल को 6 फीसदी, ममता बनर्जी को 4 फीसदी जबकि नीतीश को 1 फीसदी लोग प्रधानंमत्री पद पर देखना चाहते हैं।
ओबीसी की भी पहली पसंद हैं पीएम मोदी
करीब 64 फीसदी ओबीसी समुदाय के लोग प्रधानमंत्री की कुर्सी पर पीएम मोदी को ही देखना चाहते हैं। 15 फीसदी ओबीसी की पहली पसंद हैं राहुल गांधी जबकि अखिलेश यादव को मात्र 5 फीसदी ओबीसी पीएम के पद पर देखना चाहते हैं। अरविंद केजरीवाल और नीतीश कुमार को 3 फीसदी ओबीसी ही प्रधानंमत्री पद पर देखना चाहते हैं।
दलित समुदाय का क्या है मूड?
ताजा सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक करीब 58 फीसदी दलित वोटर्स पीएम पद पर प्रधानंमत्री नरेन्द्र मोदी को देखना चाहते हैं जबकि 20 फीसदी दलित राहुल गांधी को देखना चाहते हैं। वहीं 10 फीसदी दलित मायावती को तो 2 फीसदी दलित मतदाता ऐसे हैं जो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम पद को देखना चाहते हैं।