Violence in Bangladesh: बांग्लादेश के मैमनसिंह में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा हत्या के बाद हालात तनावपूर्ण हैं। प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत ने घटना की निंदा करते हुए भारत सरकार से हस्तक्षेप की मांग की।
नई दिल्ली: बांग्लादेश में एक बार फिर हालात गंभीर होते नजर आ रहे हैं। राजधानी ढाका से लेकर बंदरगाह शहर चटगांव और औद्योगिक केंद्र खुलना तक हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। इस बीच मैमनसिंह शहर में एक हिंदू युवक की नृशंस हत्या के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ गई है। जानकारी के मुताबिक, मैमनसिंह में दीपू चंद्र दास नामक हिंदू युवक को भीड़ ने उसके घर से बाहर निकालकर बेरहमी से पीटा और बाद में एक चौराहे पर जिंदा जला दिया। इस घटना के कथित वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिन्हें देखकर लोगों में गहरा आक्रोश है। मृतक पर कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया गया था।
इस घटना की निंदा करते हुए कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि धर्म, जाति या पहचान के आधार पर की गई हिंसा मानवता के खिलाफ अपराध है। उन्होंने भारत सरकार से अपील की कि वह बांग्लादेश में हिंदू, ईसाई और बौद्ध अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा का संज्ञान ले और उनकी सुरक्षा का मुद्दा मजबूती से उठाए। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस घटना को अत्यंत चिंताजनक और निंदनीय बताया। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह कूटनीतिक स्तर पर हस्तक्षेप कर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
बांग्लादेश में भड़की ताजा हिंसा को हालिया राजनीतिक घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि शेख हसीना विरोधी आंदोलन से जुड़े नेता शरीफ उस्मान हादी पर गोलीबारी और बाद में उनके निधन की घोषणा के बाद हालात बिगड़ गए। इसके बाद कई शहरों में रातभर हिंसा, आगजनी और विरोध प्रदर्शन हुए। फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें बांग्लादेश सरकार की कार्रवाई पर टिकी हैं, जबकि पड़ोसी देशों में भी इस घटनाक्रम को लेकर चिंता और प्रतिक्रियाएं तेज हो रही हैं।
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