Hijab Controversy: हिजाब से जुड़े कथित बयान और घटनाक्रम को लेकर पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की है।
नई दिल्ली: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता इल्तिजा मुफ्ती ने हिजाब से जुड़े एक कथित विवादित घटनाक्रम को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इस कदम के बाद यह मुद्दा केवल सामाजिक या सांस्कृतिक बहस तक सीमित न रहकर एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप लेता दिख रहा है। शिकायत दर्ज होने के साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं।
पीडीपी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इल्तिजा मुफ्ती ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री से जुड़ी टिप्पणियों या कार्यों से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और यह हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाओं के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया दर्शाता है। उन्होंने शिकायत में यह भी कहा है कि इस तरह के बयान या व्यवहार संविधान द्वारा प्रदत्त समानता, गरिमा और धार्मिक स्वतंत्रता के सिद्धांतों के खिलाफ हैं।
इल्तिजा मुफ्ती, जो लंबे समय से नागरिक स्वतंत्रताओं और अल्पसंख्यक अधिकारों के मुद्दों पर मुखर रही हैं, ने स्पष्ट किया कि उनकी शिकायत किसी राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से नहीं है। उनके अनुसार, यह कदम सार्वजनिक जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को धार्मिक आस्था और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर अत्यंत सावधानी और संवेदनशीलता के साथ बोलना चाहिए। उनका मानना है कि धार्मिक प्रथाओं को नकारने या उनका मज़ाक उड़ाने वाले बयान सामाजिक विभाजन को बढ़ावा दे सकते हैं और पूर्वाग्रह को सामान्य बना सकते हैं।
गौरतलब है कि हिजाब का मुद्दा बीते कुछ वर्षों से देशभर में बहस का केंद्र रहा है। इसे लेकर कई बार राजनीतिक, सामाजिक और कानूनी विवाद सामने आ चुके हैं। जहां एक पक्ष इसे व्यक्तिगत आस्था, पहचान और स्वतंत्रता का मामला मानता है, वहीं दूसरा पक्ष इसे समानता, सार्वजनिक संस्थानों में एकरूपता और धर्मनिरपेक्षता की व्यापक बहस से जोड़कर देखता है। इल्तिजा मुफ्ती की ताज़ा शिकायत ने इन परस्पर विरोधी दृष्टिकोणों को एक बार फिर चर्चा के केंद्र में ला दिया है।
हालांकि, पुलिस शिकायत का पूरा विवरण अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, मामला फिलहाल प्रारंभिक जांच के स्तर पर है। कानूनी जानकारों का कहना है कि शिकायत दर्ज होने का अर्थ यह नहीं है कि तुरंत आपराधिक कार्यवाही शुरू हो जाएगी। पुलिस और संबंधित अधिकारी पहले यह जांच करेंगे कि लगाए गए आरोप कानून के तहत किसी दंडनीय अपराध की श्रेणी में आते हैं या नहीं।
इस बीच, बिहार सरकार की ओर से इस शिकायत पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं, राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। पीडीपी के नेताओं ने इल्तिजा मुफ्ती के कदम का समर्थन करते हुए इसे संविधान और अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी बताया है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी से जुड़े नेताओं ने शिकायत को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए कहा है कि यह एक गैर-मुद्दे को तूल देकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाक्रम इस बात को रेखांकित करता है कि देश में सांस्कृतिक और धार्मिक मुद्दे किस तरह से राजनीतिक विमर्श को लगातार प्रभावित करते रहते हैं। चुनावी माहौल और बदलते राजनीतिक समीकरणों के बीच ऐसे विषय अक्सर व्यापक वैचारिक टकराव के केंद्र बिंदु बन जाते हैं।
अब सभी की निगाहें पुलिस जांच पर टिकी हैं। यह देखना अहम होगा कि जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और क्या यह मामला आगे चलकर किसी कानूनी या राजनीतिक कार्रवाई का रूप लेता है। फिलहाल, इस घटनाक्रम ने एक बार फिर धर्म की स्वतंत्रता, सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों की जिम्मेदारी और संवैधानिक मूल्यों पर नई बहस छेड़ दी है।
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