
नई दिल्ली: 1 फरवरी सरकार के लिए और देश की जनता के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन बन गया है क्योंकि ये वो दिन है जब सरकार देश की जनता के लिए बजट पेश करती है। लेकिन जब लोकसभा चुनाव का समय होता है तो सरकार अंतरिम बजट पेश करती है। फिर पूर्ण बजट जुलाई में नई सरकार के द्वारा पेश किया जाता है।
इसी क्रम में गुरुवार को मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया। खुद निर्मला सीतारमण के लिए भी ये उनका छठा बजट था। इस बजट में मोदी सरकार ने देश की बुनियादी संरचना पर फोकस किया। हालांकि जनता को उम्मीद थी कि टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
बुनियादी संरचनाओं पर विशेष ध्यान
इस बार के बजट में सरकार ने बुनियादी संरचनाओं पर विशेष ध्यान दिया है। इस पर होने वाले खर्च में सरकार ने अनुमान से अधिक खर्च किया है। सरकार ने इस पर होने वाले खर्च को 11.1 फीसदी बढ़ाने का प्रावधान रखा है। इस प्रावधान के बाद अब ये बढ़कर 11.1 लाख करोड़ रुपए हो गया है। अर्थशास्त्रियों का मनना है कि अगर बजट में इस मद्द में बढ़ोतरी की गई है तो इसकी गुणवत्ता में और सुधार होने की उम्मीद है।
टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं
जब जब भी बजट की बात होती है तो सबकी नजर टैक्स स्लैब पर होती है। इस बार भी ऐसा ही था लेकिन वित्त मंत्री ने यहां लोगों को थोड़ा निराश किया है। इस बार टैक्स स्लैब में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में साफ कहा है कि किसी भी तरह के टैक्स के स्लैब या फिर रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हां लेकिन सरकार ने एक राहत की बात अपने बजट में की है। दरअसल सरकार ने उन करीब करोड़ टैक्सपेयर्स को राहत दे दी है जो बकाए टैक्स के डिमांड का सामना कर रहे हैं।
वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के मुताबिक वित्त वर्ष 2010 तक 25 हजार तक के बकाए और वित्त वर्ष 2011 से 2015 कर 10 हजार तक के इनकम टैक्स बकाए के मामले में अब किसी भी तरह का कोई डिमांड नहीं रहेगी।
रेलवे को मिली सौगात
इस बार के बजट में रेलवे को सौगात दी गई है। रेलवे के लिए सरकार ने तीन नए इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने का ऐलान किया है। इस कॉरिडोर को एनर्जी, मिनिरल और सीमेंट के लिए सुरक्षित रखा जाएगा। ऐसा होने से ट्रेनों के परिचालन में भी सुधार होने की उम्मीद है। वहीं रेलवे की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। वहीं वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में 40 हजार सामान्य बोगियों को वंदे भारत स्टैंडर्ड में बदलने का भी ऐलान किया।