
अहमदाबाद: कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई, जो पहले सलमान खान जैसे सेलिब्रिटी को धमकी देने के लिए चर्चा में आया था, ने अब पप्पू यादव को जान से मारने की धमकी दी है। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल एक ऑडियो के जरिए सामने आई है, जिससे यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार जेल में रहते हुए भी एक अपराधी कैसे इस प्रकार धमकियां दे सकता है। यह घटना सुरक्षा और जेल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े करती है, खासकर तब जब विश्नोई जैसी हस्ती जेल में रहते हुए भी आपराधिक गतिविधियों को जारी रख रही है।
लॉरेंस विश्नोई की दहशत और धमकी का नया अध्याय
लॉरेंस विश्नोई ने पहले सिंगर सिद्धू मूसेवाला और बाबा सिद्दीकी जैसे प्रमुख लोगों की हत्या कर अपने अपराध साम्राज्य की दहशत फैलाई। उसकी धमकियां केवल सलमान खान या पप्पू यादव तक ही सीमित नहीं हैं; विश्नोई के गुर्गों ने खुलेआम कह दिया कि वे जेल में रहकर भी अपने नेटवर्क को चलाते हैं। इसके अलावा, इन धमकियों का असर इतना है कि अब विश्नोई का नाम सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
जेल में जैमर बंद कराने का दावा
ऑडियो में एक चौंकाने वाली बात सामने आई कि विश्नोई जेल के जैमर तक को बंद करवा सकता है और इसके लिए वह लाखों रुपये खर्च करता है। यह जैमर बंद करना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जैमर के बंद होने से कैदियों को बाहरी संपर्क साधने का मौका मिल जाता है। यह दावा गुजरात सरकार और जेल प्रशासन की कड़ी सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है कि आखिर कैसे कोई कैदी जेल के अंदर इतनी सुविधाएं प्राप्त कर सकता है।
जेल प्रशासन और पुलिस पर उठे सवाल
लॉरेंस विश्नोई को अब तक राजस्थान, दिल्ली, पंजाब और गुजरात की जेलों में बार-बार शिफ्ट किया गया, लेकिन फिर भी वह आपराधिक गतिविधियों को जारी रख पा रहा है। अब जब वह अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद है, जहां सरकार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की है और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के पास गृह मंत्रालय है, तो सवाल यह है कि इतनी सख्त निगरानी के बावजूद भी जेल में कैसे इस प्रकार की गतिविधियां हो रही हैं।
क्या यह सीधा प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को चुनौती है?
विश्नोई के धमकियों का सिलसिला केवल बॉलीवुड या नेताओं तक सीमित नहीं दिखता, बल्कि इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की सुरक्षा और इकबाल पर भी एक चुनौती के रूप में देखा जा सकता है। गुजरात के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के पास भले ही सुरक्षा की जिम्मेदारी हो, लेकिन चूंकि पीएम मोदी और अमित शाह गुजरात की राजनीति का अहम हिस्सा रहे हैं, ऐसे में यह मुद्दा उनके लिए भी चिंताजनक बन जाता है।
जनता में सुरक्षा को लेकर चिंता
इस तरह के मामलों से जनता में कानून-व्यवस्था के प्रति अविश्वास का माहौल पैदा हो रहा है। लोगों को लगता है कि अगर जेल में बैठे अपराधी भी धमकियां दे सकते हैं, तो आम जनता कितनी सुरक्षित है। गुजरात सरकार और संबंधित एजेंसियों के लिए अब यह जरूरी हो गया है कि इस तरह के अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं और जेल में सुधार के उपाय किए जाएं ताकि कानून-व्यवस्था पर कोई आंच न आए।
लॉरेंस विश्नोई का जेल में रहते हुए ऐसा दुस्साहस और कानून-व्यवस्था की अवहेलना एक गंभीर चेतावनी है। जेल प्रशासन के पास अब एक चुनौती है कि वे इस तरह के मामलों पर कड़ा नियंत्रण रखें और जेल में सख्त सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।